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Saturday, April 14, 2012

Murli 14 April


[14-04-2012]

मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - सद्गति में जाना है तो बाप से प्रतिज्ञा करो कि बाबा हम आपको ही याद करते रहेंगे''
प्रश्न :- किस पुरुषार्थ के आधार पर सतयुगी जन्म सिद्ध अधिकार प्राप्त होता है?
उत्तर: अभी पूरा बेगर बनने का पुरुषार्थ करो। पुरानी दुनिया से ममत्व मिटाकर जब पूरे बेगर बनेंगे तब ही सतयुगी जन्म सिद्ध अधिकार प्राप्त होगा। बाबा कहते हैं मीठे बच्चे अब ट्रस्टी बनो। पुरानी किचड़-पट्टी जो कुछ है सब ट्रांसफर करो, बाप और वर्से को याद करो तो तुम स्वर्ग में आ जायेंगे। विनाश सामने खड़ा है इसलिए अब पुरानी बैग बैगेज समेट लो।
गीत:- भोलेनाथ से निराला....... 
धारणा के लिए मुख्य सार: 
1) देह-अभिमान को छोड़ देही-अभिमानी बन याद की यात्रा पर तत्पर रहना है, इस अन्तिम जन्म में पवित्र बन बाप का पूरा-पूरा मददगार बनना है।
2) पुरानी जो भी चीजें हैं, उनसे ममत्व निकाल ट्रस्टी बन बाप और वर्से को याद कर, विश्व का मालिक बनना है।
वरदान: एक 'प्वाइंट' शब्द की स्मृति से मन-बुद्धि को निगेटिव के प्रभाव से बचाने वाले नम्बरवन विजयी भव
वर्तमान समय विशेष माया का प्रभाव मन में निगेटिव भाव और भावना पैदा करने वा यथार्थ महसूसता को समाप्त करने का चल रहा है इसलिए पहले से ही सेफ्टी का साधन अपनाओ। इसका विशेष साधन है सिर्फ एक 'प्वाइंट' शब्द। कोई भी संकल्प, बोल वा कर्म व्यर्थ है तो उसे प्वाइंट लगा दो तब नम्बरवन विजयी बन सकेंगे। माया के स्वरूपों को पहचानो, सीजन को पहचानो और स्वयं को सेफ कर लो।
स्लोगन: संगम पर जिन्हें सेवा का श्रेष्ठ भाग्य प्राप्त है वही पदमापदम भाग्यवान हैं।

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