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Monday, April 2, 2012

Avagun Aur purane Sanskar 02. Aprli



अवगुण और पुराने संस्कार
बदलकर गुण
रोना व रुसनामैं आत्मा,खुशनुमा , हर्षित हूँ 
चिड़चिड़ापन, मूड ऑफ करनामैं आत्मा,मिलनसार, सदा खुश हूँ 
आवेश मे आनामैं आत्मा,अपने स्वमान कि सीट पर सेट हूँ 
फीलिंग मे आना, अपसेट होनामैं आत्मा,मास्टर शान्ति का सागर हूँ
नाराज़ होना, असंतुष्ट रहेनामैं आत्मा,संतुष्टमणी हूँ
फॅमिलियारिटीमैं आत्मा,सभी के प्रति समभाव और सम दृष्टि रखती  हूँ 
नाम- स्व  का आकर्षणमैं आत्मा,रूहानीयत और आत्मिक आकर्षण वाली  हूँ  
लगाव-झुकाव, प्रभावित होनामैं आत्मा,अनासक्त, उपराम, और नष्टोमोहा हूँ  
आलस्य , अलबेलापन, सुस्तीमैं आत्मा,तीव्र पुरुषार्थी हूँ
१०बेदरकार, ज़िम्मेवारी ना संभालना, गेर ज़िम्मेदारीमैं आत्मा,सावधान ख़बरदार एक्यूरेट अलर्ट और जिम्मेदार हूँ
११डांटनामैं आत्मा,स्नेह, प्यार और शान्ति से चलने वाला हूँ
१२तिरस्कार, घृणा, नफ़रत करना   मैं आत्मा,आत्मिक प्यार रखने वाला स्नेही हूँ
१३व्यर्थ बातों में  रूचि रखनामैं आत्मा,स्वचिन्तन और ज्ञानचिंतनमें बिजी रहनेवाला समर्थस्वरूप हूँ 
१४अपमानमैं आत्मा,सर्व को  मान और सन्मान देता हूँ 
१५डिसरिगार्ड करना, बेइज़्ज़ती करनामैं आत्मा,सर्व को  रिगार्ड और सत्कार देने वाली हूँ 
१६ज़िद्द  करनामैं आत्मा,सहमती से  संगठन बना कर चलने वाला हूँ
१७अपनी बातों को सिद्ध करनामैं आत्मा,बाप को प्रत्यक्ष करने वाला हूँ 
१८उदास, निराश होना, दिलशिकस्त होनामैं आत्मा,उमंग, उत्साह, हिम्मत और साहस के पंखो पर उड़ने वाला हूँ 
१९भय, दर, घभराहट   मैं आत्मा,निडर निर्वेर निर्भय निश्चिंत  हूँ 
२०परेशन होना, परेशन करनामैं आत्मा,शान्त शीतल निर्मल और सहयोगी हूँ
२१लालच करनामैं आत्मा,निर्लोभी निर्मोही निर्क्रोधी, इच्छा मात्रम अविद्या हूँ
२२आसक्ति रखनामैं आत्मा,अनासक्त, उपराम लगाव मुक्त शक्ति स्वरूप हूँ
२३संग्रह करनेकी वृतिमैं आत्मा,ज्ञान रत्नों का सग्रह करने वाली हूँ 
२४मांगने के  संस्कारमैं आत्मा,मास्टर दाता हूँ
२५तंग करना, दुःख देनामैं आत्मा,दुःख ना देनवाली,   दुःख ना लेनेवाली, सुख बाँटने वाली हूँ
२६इन्डिपेनडेन्ट रहने का संस्कारमैं आत्मा,स्नेही हूँ सहयोगी हूँ सिद्धि स्वरुप हूँ
२७स्ट्रिक्ट (कड़े) रहने का  संस्कारमैं आत्मा,रहम दिल नम्र दिल हूँ
२८आराम पसंदी, ज़्यादा सोने का संस्कारमैं आत्मा,४ या ५ धंटे सोने वाली अथक अलर्ट और एक्टिव  हूँ......... 
२९नाज़ुकपनमैं आत्मा,शक्तिशाली दुर्गा हूँ ......चतुर्भुज  विष्णु  हूँ...........
३०काम अधूरा छोडना वा रुचिपूर्वक कार्य ना करनामैं आत्मा,हर कार्य दिलसे, विधि पूर्वक करनेवाली, सिद्धिस्वरूप हूँ 
३१बदला लेनामैं आत्मा,बीती सो बीती समझनेवाली क्षमा मूर्त हूँ
३२गिरानेकी वृति, ठुकराने की भावनामैं आत्मा,परोपकारी हूँ... उपकारी हूँ ...गिरे हुए को उठाने वाली  हूँ 
३३निंदा ग्लानि करना, कॉमेंट क्रिटिसाइज़ करनामैं आत्मा,सभीकि विशेषतायें देखनेवाली, स्वचिन्तन&शुभचिंतन करती हूँ
३४हंसी  मज़ाक उड़ानामैं आत्मा,रोयल शान्त गंभीर और रमणीक हूँ
३५ज़्यादा बोलनेका संस्कार, अनावश्यक बोलमैं आत्मा,कम, धीरा, मीठा, सोचके , समझके सत्य बोलने वाली हूँ
३६कडुवा- पत्थर  बोल बोलनामैं आत्मा,वरदानी और मधुर वचन बोलनेवाली हूँ
३७गाली बोलना, बुरे वचन बोलनामैं आत्मा,शुभ बोल, ज्ञान के बोल बोलने   वाली हूँ
३८झूठ बोलनामैं आत्मा,सत्य वचन, शुभ वाणी, ज्ञान के मोती  सुनाने वाली  हूँ.
३९अत्याहार करना, बहुत भोजन खानामैं आत्मा,सात्विक और कम आहार फलाहार करने वाली हूँ
४०मिया मिटठू बनना| अपनी बडाई  करनेका संस्कारमैं आत्मा,निमित्त, हूँ, निर्मान हूँ, निर्मल हूँ
४१नवाबी  चलना, किसीसे सेवा लेनामैं आत्मा,मैं आत्मा सिम्पल और रोयल हूँ
४२ऑर्डर चलनामैं आत्मा,स्नेह प्यार से चलने  वाली  हूँ 
४३वाद, विवाद करना, बहस करनामैं आत्मा,अंतरमुखी हूँ 
४४मगरूरी करना, घमंडमैं आत्मा,देही अभिमानी हूँ , निरहंकारी, निर्मल, नम्र  हूँ
४५बुद्धि का अहममैं आत्मा,मन बुद्धि से सम्पूर्ण समर्पित हूँ 
४६भाव-स्वाभाव में  आना-टकराव होनामैं आत्मा,आत्मिक भाव वाला एकता एकमत सम्पूर्ण श्रीमत वाला हूँ 
४७गंदी तृष्णा, कामना रखनामैं आत्मा,ऊंच विचार और श्रेष्ठ कामनायें  वाली  हूँ
४८नमकहराम बनना;  वचन दे बदल जानामैं आत्मा,वफादार इमानदार अपने वचन पर पक्का हूँ 
४९अंदर एक, बाहर दूसरामैं आत्मा,सत्य हूँ, साफ़ हूँ, स्वच्छ हूँ, स्पष्ट हूँ
५०दिखावा, दंभ करना, ढोंग रचानामैं आत्मा,सहज सिम्पल सरल और गुप्त पुरुषार्थी हूँ 
५१सफलता मे स्वयं, असफलता मे दूसरों को दोषी बनानामैं आत्मा,सभी कि  विशेषता  देखती  हूँ, रिगार्ड देती हूँ, धन्यवाद करती हूँ
५२लड़ना, झगड़नामैं आत्मा,मास्टर शान्ति का सागार हूँ
५३संगदोष मे समय बरबाद करनामैं आत्मा,निरन्तर योगी हूँ
५४बड़ों  की डायरेक्शन को डोन्‍ट  केर करनामैं आत्मा,आज्ञाकारी हूँ, निमित्त के डायरेक्शन फोलो करने वाला हूँ 
५५मुरली मिस करनामैं आत्मा,रेग्युलर मुरली पढ़कर बापदादा वरदान लेने वाला हूँ
५६संसार समाचार की लेन-देन करनामैं आत्मा,ज्ञान की लेन देन करने वाली मास्टर ज्ञान  सूर्य हूँ
५७बड़ों से तू तू कहकर बाते करनामैं आत्मा,छोटो- बड़ों सबको रेगार्ड, रिस्पेक्ट, "आप" कहने वाली हूँ
५८किसीकि राय को डिसरिगार्ड करना, कट करनामैं आत्मा,सर्व  के विचारों को सम्मान  देने वाली हूँ...
५९टोन्ट  करना, टोकनामैं आत्मा,सभीकी सिर्फ़ विशेषताएँ देखती हूँ,  मधुर बोलती हूँ
६०करेक्षन करनामैं आत्मा,खुदको चेक और चेंज करने वाली हूँ
६१क्म्पीटीशन  करनामैं आत्मा,अपनी  स्व  स्थिति में स्थित होकर तीव्र पुरुषार्थ करती हूँ
६२ना करनेका संस्कारमैं आत्मा,मम्मा कि तरह, सदा हाँजी करने वाली हूँ
६३नाम-मान-शान का भिखारीपन मैं आत्मा,अपने नाम से परे, बाप का नाम बाला करता हूँ
६४डरबाज, खुश्बाज़मैं आत्मा,सत्य वादी हूँ, युक्तियुक्त हूँ
६५सेवा में मैं पन  लगावमैं आत्मा,बाप की सेवा निमित्त समझ कर करने वाला हूँ
६६पहले मैं  व पहले आप का मिसयूज़मैं आत्मा,दूसरों को आगे रखनेवाला, सब को पहले आप करता हूँ
६७बिना पूछे  किसीकि चीज़ उठानामैं आत्मा,बाप और यज्ञ से ही जरूरी चीज़ लेने वाला हूँ
६८रोब दिखनामैं आत्मा,सबको नम्रता, और स्नेह से सहयोग देता हूँ
६९दो के बिचमें  बोलोनामैं आत्मा,अपनी सायलेन्स कि शक्ति द्वारा पावरफुल ब्रेक लगाता हूँ
७०ऊँची आवाज़मे बोलनामैं आत्मा,कम, धीरे, मीठा , मधुर, स्वीट उच्चरण करता हूँ
७१गपोदशंख बनना; करना कम, कहना  ज़्यादामैं आत्मा,अंतर्मुख हूँ, एक्यूरेट हूँ
७२श्रीमत मे मनमत, परमत मिलावट करनामैं आत्मा,मन्सा, वाचा, कर्मणासे १००% श्रीमत फोलो करनेवाला देवता हूँ
७३बेमानी करना, बेवफा बननामैं आत्मा,आज्ञाकारी वफादार फरमानबरदार इमानदार हूँ 
७४बार-बार ग़लती को दोहराना, गफलत करनामैं आत्मा,सावधान होशियार खबरदार अलर्ट और सम्पूर्ण अटेंशनवाला हूँ
७५वहम, अनुमान शंका करनामैं आत्मा,सर्व पर विश्वास और रहम करनेवाला हूँ
७६लज्जा करना, संकोच करनामैं आत्मा,शक्तिस्वरूप हूँ
७७अवगुण देखनेकी वृत्ति, परदर्शन मैं आत्मा,गुणग्राहक  हूँ,  निर्दोषद्रष्टिकोण हूँ
७८शारीरिक अस्वच्छतामैं आत्मा,शरीरी रूपी मंदिर  को स्वच्छ रखने वाली चैतन्यमूर्ती हूँ
७९अश्लील साहित्या पढ़नामैं आत्मा,एक बाप से ही पढने वाला बाप से ही सुनने वाला हूँ
८०स्पेशल पर्सनल लेन-देन का व्यवहार करनामैं आत्मा,एक बाप से ही  लेन-देन  करने वाला एकनामी ब्राह्मण हूँ
८१बात को छिपाना बात को बदल देनामैं आत्मा,नर से नारायण बननेवला सत्यवादी हूँ
८२परपंच रखना, छूतीपन के संस्कारमैं आत्मा,स्वचिंतन और  शुभचिंतन करने  वाला  हूँ 
८३अपने हाथ में  लॉ उठानामैं आत्मा,साक्षी दृष्ता हूँ
८४ निष्ठूर बनना, बेरहममैं आत्मा,मिलनसार रहम दिल हूँ
८५मूंझना, उलझना, कन्फ्यूज़ होनामैं आत्मा,सच हूँ, स्पष्ट हूँ, सॉफ हूँ 
८६तनाव, डिप्रेशन, चिंतामैं आत्मा,५  स्वरूप की ड्रिल हर घण्टे करता हूँ 
८७ज़ोर ज़ोर से हंसाना मैं आत्मा,गंभीर हूँ, रमणीक हूँ, अंतर्मुखी  हूँ
८८अविश्वास रखनामैं आत्मा,निश्चय बुद्धि हूँ, मेरा तो एक बाप दूसरा ना कोई
८९बहाना बनाना, सेवा में आनाकानी करनामैं आत्मा,आज्ञाकारी,  फरमानबरदारी हूँ
...

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