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Thursday, April 12, 2012

Murli 12 April


मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - कुछ भी सहन करना पड़े लेकिन इस अन्तिम जन्म में पवित्र जरूर बनना है, बाप को पवित्रता की ही मदद चाहिए''
प्रश्न :- अन्तिम दृश्य कौन सा होगा? जिसे समझने के लिए अच्छी विशाल बुद्धि चाहिए?
उत्तर: अन्तिम दृश्य सबके वापिस जाने का है... कहा जाता है राम गयो रावण गयो... बाकी सृष्टि की सफाई करने वाले, नई दुनिया की तैयारी करने वाले थोड़े बचेंगे। हम भी जायेंगे फिर जहाँ जीत वहाँ जन्म होगा। भारत में ही जीत होगी, बाकी सब खलास हो जायेंगे। राजायें आदि जो धनवान होंगे - वह बचेंगे, जिनके पास हमारा जन्म होगा। फिर हम सृष्टि के मालिक बनेंगे। यह समझने के लिए विशाल बुद्धि चाहिए।
गीत:- नयन हीन को राह.... 

धारणा के लिए मुख्य सार: 
1) अब नाटक पूरा हो रहा है, वापिस घर चलना है इसलिए पावन जरूर बनना है। कोई भी देहधारी को याद नहीं करना है।
2) बाप से बल लेकर इस अन्तिम जन्म में स्त्री पुरुष साथ रहते भी पवित्र बनकर दिखाना है। बेहद का बाप मिला है तो उसकी श्रीमत पर जरूर चलना है।
वरदान: ज्ञान को लाइट और माइट के रूप से समय पर कार्य में लगाने वाले ज्ञानी तू आत्मा भव
ज्ञान अर्थात् नॉलेज और नॉलेज इज लाइट, माइट कहा जाता है। जब लाइट अर्थात् रोशनी है कि ये रांग है, ये राइट है, ये अंधकार है, ये प्रकाश है, ये व्यर्थ है, ये समर्थ है तो लाइट और माइट से सम्पन्न आत्मा कभी अंधकार में नहीं रह सकती। अगर अंधकार समझते हुए भी अंधकार में है तो उसे ज्ञानी वा समझदार नहीं कहेंगे। ज्ञानी तू आत्मा कभी भी रांग कर्मो के, संकल्पों के वा स्वभाव-संस्कार के वशीभूत नहीं हो सकती।
स्लोगन: हीरो पार्ट बजाने के लिए ज़ीरो बाप के साथ कम्बाइन्ड होकर रहो

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