08-04-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:30-06-74 मधुबन
अव्यक्त स्थिति में स्थित होने से पुरुषार्थ की गति में तीव्रता
वरदान: हर रोज़ की मुरली के साधन द्वारा व्यर्थ को खत्म करने वाले पास विद आनर भव
हर रोज़ की मुरली मन को बिजी रखने का साधन है, मुरली की कोई भी प्वाइंट पर मनन करते रहो तो मन
स्लोगन: प्लैन को प्रैक्टिकल में लाने के लिए बालक और मालिकपन का बैलेन्स रखो।
वरदान: हर रोज़ की मुरली के साधन द्वारा व्यर्थ को खत्म करने वाले पास विद आनर भव
हर रोज़ की मुरली मन को बिजी रखने का साधन है, मुरली की कोई भी प्वाइंट पर मनन करते रहो तो मन
बिजी रहेगा और व्यर्थ स्वत: खत्म हो जायेगा। मन को मन्सा-वाचा और कर्मणा सेवा में इतना बिजी कर
दो जो व्यर्थ संकल्प आवे ही नहीं, तभी फाइनल पेपर में पास विद आनर हो सकेंगे। अगर व्यर्थ संकल्प
चलने का अभ्यास होगा तो समय पर धोखा खा लेंगे।
स्लोगन: प्लैन को प्रैक्टिकल में लाने के लिए बालक और मालिकपन का बैलेन्स रखो।
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