GIVE COMFORT, RECEIVE HAPPINESS

Jivan Main har ek se santust raho to sabhi aapase santusht rahenge

AM A PEACE FULL SOUL

Main Aatama shant hun. shanti muz aatama ke pas hi hai , kanhi aur janeki jarurat nahi. SO FEEL PEACE IN OUR SELF

PEACE OF MIND WILL END ALL WARS

Shanti se hi Sabhi Youddh ko samapt kiya ja sakta hai.

PURITY IS YOUR POWER

"Pavitrata hi jivan ki sachi punji hai"

YOGI LIFE, DIAMOND LIFE

Yogi ko hamesha apani aatmik sthitime rahana mana "DIAMOND" jivan hai

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Friday, June 22, 2012

Murli 22 Jun Hindi & English

मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - यह तुम सबकी वानप्रस्थ अवस्था है, वापस घर जाना है इसलिए बाप और घर को याद करो, पावन बनो, सब खाते खलास करो'' 
प्रश्न: बाप ही बच्चों को कौन सा धीरज देते हैं? 
उत्तर: बच्चे, अभी इस रुद्र ज्ञान यज्ञ में अनेक प्रकार के विघ्न पड़ते हैं, परन्तु धीरज धरो, जब तुम्हारा प्रभाव निकलेगा, ढेर के ढेर आने लगेंगे फिर सब तुम्हारे आगे आकर माथा झुकायेंगे। बांधेलियों के बन्धन खलास हो जायेंगे। जितना तुम बाप को याद करेंगे, बंधन टूटते जायेंगे। तुम विकर्माजीत बनते जायेंगे। 
गीत:- भोलेनाथ से निराला... 
धारणा के लिए मुख्य सार: 
1) होशियार व्यापारी बन पुराने सब खाते खलास कर सुख का खाता शुरू करना है। याद में रह विकर्मो के बन्धन काटने हैं। धीरज धरना है, उतावला नहीं होना है। 
2) घर में बैठ भोजन बनाते, हर कर्म करते बाप की याद में रहना है। बाप जो अविनाशी ज्ञान रत्न देते हैं। उनसे अपनी झोली भर दूसरों को दान करना है। 
वरदान: अमृतवेले तीन बिन्दियों का तिलक लगाने वाले क्यूं, क्या की हलचल से मुक्त अचल-अडोल भव 
बापदादा सदा कहते हैं कि रोज़ अमृतवेले तीन बिन्दियों का तिलक लगाओ। आप भी बिन्दी, बाप भी बिन्दी और जो हो गया, जो हो रहा है नथिंगन्यु, तो फुलस्टॉप भी बिन्दी। यह तीन बिन्दी का तिलक लगाना अर्थात् स्मृति में रहना। फिर सारा दिन अचल-अडोल रहेंगे। क्यूं, क्या की हलचल समाप्त हो जायेगी। जिस समय कोई बात होती है उसी समय फुलस्टॉप लगाओ। नथिंगन्यु, होना था, हो रहा है... साक्षी बन देखो और आगे बढ़ते चलो। 
स्लोगन: परिवर्तन शक्ति द्वारा व्यर्थ संकल्पों के बहाव का फोर्स समाप्त कर दो तो समर्थ बन जायेंगे।

Essence: Sweet children, it is now the stage of retirement for all of you. You now have to return home. Therefore, remember the Father and the home. Become pure and finish all your accounts. 
Question: What is the patience that the Father gives you children? 
Answer: Children, there will be many varieties of obstacle in this sacrificial fire of the knowledge of Rudra. However, you have to have patience. When your influence spreads, countless people will come and they will all bow their heads in front of you. Then the bonds of those in bondage will finish. The more you remember the Father, the more your bonds will continue to break, and you will become conquerors of sinful actions. 
Song: No one is unique like the Innocent Lord. 

Essence for dharna: 
1. Become a clever businessman, finish all the old accounts and begin the new account of happiness. Stay in remembrance and cut away the bonds of sin. Be patient and do not rush. 
2. While preparing food at home, and performing every action, stay in remembrance of the Father. Fill your aprons with the imperishable jewels of knowledge that the Father gives you and donate them to others. 

Blessing: May you remain unshakeable and immovable and free from any upheaval of “Why?” or “What?” by applying the tilak of the three dots at amrit vela. 
BapDada always says: Apply the tilak of the three dots at amrit vela every day. You are a dot, the Father is a dot and whatever happened or whatever is to happen is nothing new, and so put a full stop. To apply the tilak of the three dots means to maintain your awareness. You will then remain unshakeable and immovable throughout the day and the upheaval of “Why?” and “What?” will finish. Whenever any situation arises, put a full stop at that moment. It is nothing new, it had to happen and so it is happening and so just continue to watch as a detached observer and continue to move forward. 
Slogan: Finish the force of the flow of waste thoughts with the power of transformation and you will become powerful. 

Monday, June 18, 2012

Murli 18 Jun Hindi & English

मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - सदा इसी नशे में रहो कि ज्ञान सागर बाप की ज्ञान वर्षा हमारे ऊपर हो रही है, जिससे हम पावन बन अपने बड़े घर में जायेंगे'' 
प्रश्न: तुम बच्चों का निश्चय किस आधार से और भी पक्का होता जायेगा? 
उत्तर: दुनिया में जितने हंगामें बढ़ेंगे, तुम्हारे दैवी झाड़ की वृद्धि होगी, उतना पुरानी दुनिया से दिल हटती जायेगी और तुम्हारा निश्चय पक्का होता जायेगा। विहंग मार्ग की सर्विस होती जायेगी, धारणा पर अटेन्शन देते जायेंगे तो बुद्धि का हौंसला बढ़ता जायेगा। अपार खुशी में रहेंगे। 

Monday, June 11, 2012

Murli 11 Jun Hindi & English

मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - यह खेल है कब्रिस्तान और परिस्तान का, इस समय कब्रिस्तान है फिर परिस्तान बनेगा - तुम्हें इस कब्रिस्तान से दिल नहीं लगानी है'' 
प्रश्न: मनुष्य कौन सी एक बात को जान लें तो सब संशय दूर हो जायेंगे? 
उत्तर: बाप कौन है, वह कैसे आते हैं - यह बात जान लें तो सब संशय दूर हो जायेंगे। जब तक बाप को नहीं जाना तब तक संशय मिट नहीं सकते। निश्चयबुद्धि बनने से विजय माला में आ जायेंगे लेकिन एक-एक बात में सेकण्ड में पूरा निश्चय होना चाहिए। 
गीत:- छोड़ भी दे आकाश सिंहासन... 

Sunday, June 10, 2012

Murli 10 Jun

10-06-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज: 09-01-75 मधुबन
इन्तजार की बजाय इन्तजाम करो!
10-06-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज: 16-01-75 मधुबन
ज्वाला रूप अवस्था
वरदान: सदा हर कर्म में रूहानी नशे का अनुभव करने और कराने वाले खुशनसीब भव
संगमयुग पर आप बच्चे सबसे अधिक खुशनसीब हो, क्योंकि स्वयं भगवान ने आपको पसन्द कर लिया। बेहद के मालिक बन गये। भगवान की डिक्शनरी में ''हू इज हू'' में आपका नाम है। बेहद का बाप मिला, बेहद का राज्य भाग्य मिला, बेहद का खजाना मिला... यही नशा सदा रहे तो अतीन्द्रिय सुख का अनुभव होता रहेगा। यह है बेहद का रूहानी नशा, इसका अनुभव करते और कराते रहो तब कहेंगे खुशनसीब।
स्लोगन: साधनों को सेवा के प्रति यूज़ करो-आरामपसन्द बनने के लिए नहीं। 

Saturday, May 19, 2012

Murli 19 May Hindi & English


मुरली सार : ''मीठे बच्चे - बाप आया है तुम्हारी सब शुद्ध कामनायें पूरी करने, रावण अशुद्ध कामना पूरी करता और बाप शुद्ध कामना पूरी करता'' 
प्रश्न: जो बाप की श्रीमत का उल्लंघन करते हैं - उनकी अन्तिम गति क्या होगी? 
उत्तर: श्रीमत का उल्लंघन करने वालों को माया के भूत अन्त में राम-राम संग है... करके घर ले जायेंगे। फिर बहुत कड़ी सजा खानी पड़ेगी। श्रीमत पर न चले तो यह मरे। धर्मराज पूरा हिसाब लेता है, इसलिए बाप बच्चों को अच्छी मत देते, बच्चे माया की बुरी मत से सावधान रहो। ऐसा न हो बाप का बनकर फिर कोई विकर्म हो जाए और 100 गुणा दण्ड भोगना पड़े। श्रीमत पर न चलना, पढ़ाई छोड़ना ही अपने ऊपर बददुआ, अकृपा करना है। 
गीत:- ओम् नमो शिवाए... 

Friday, May 18, 2012

Murli 18 May Hindi & English


मुरली सार : ''मीठे बच्चे - तुम्हारा प्यार आत्मा से होना चाहिए, चलते-फिरते अभ्यास करो, मैं आत्मा हूँ, आत्मा से बात करता हूँ, मुझे कोई बुरा काम नहीं करना है।'' 
प्रश्न: बाप द्वारा रचा हुआ यज्ञ जब तक चल रहा है तब तक ब्राह्मणों को बाप का कौन सा फरमान जरूर पालन करना है? 
उत्तर: बाप का फरमान है - बच्चे जब तक यह रूद्र यज्ञ चल रहा है तब तक तुम्हें पवित्र जरूर रहना है। तुम ब्रह्मा के बच्चे ब्रह्माकुमार कुमारी कभी विकार में नहीं जा सकते। अगर कोई इस फरमान की अवज्ञा करते हैं तो बहुत कड़े दण्ड के भागी बन जाते हैं। अगर किसी में क्रोध का भी भूत है तो वह ब्राह्मण नहीं। ब्राह्मणों को देही-अभिमानी रहना है, कभी विकार के वशीभूत नहीं होना है। 
गीत:- ओ दूर के मुसाफिर.... 

Thursday, May 17, 2012

Murli 17 May Hindi & English


मुरली सार : ''मीठे बच्चे - जिस बाप को तुमने आधाकल्प याद किया, अब उसका फरमान मिलता है तो उसे पालन करो इससे तुम्हारी चढ़ती कला हो जायेगी'' 
प्रश्न: तुम बच्चों को अपनी नेचर-क्योर आपेही करनी है, कैसे? 
उत्तर: एक बाप की याद में रहने और यज्ञ की प्यार से सेवा करने से नेचर-क्योर हो जाती है क्योंकि याद से आत्मा निरोगी बनती है और सेवा से अपार खुशी रहती है। तो जो याद और सेवा में बिजी रहते हैं उनकी नेचर क्योर होती रहती है। 
गीत:- तूने रात गंवाई... 

Murrli 16 May


16-5-12:
मुरली सार : ''मीठे बच्चे - तुम बाप की श्रीमत पर चलो तो तुम्हें कोई भी दु: दे नहीं सकतादु: तकलीफ देने वाला रावण हैजो तुम्हारे राज्य में होता नहीं'' प्रश्नइस ज्ञान यज्ञ में तुम बच्चे कौन सी आहुति देते हो
उत्तरइस ज्ञान यज्ञ में तुम कोई तिल जौं की आहुति नहीं देतेइसमें तुम्हें देह सहित जो कुछ भी है वह सब आहुति देनी हैअर्थात् बुद्धि से सब भुला देना है। इस यज्ञ की सम्भाल पवित्र रहने वाले ब्राह्मण ही कर सकते हैं। जो पवित्र ब्राह्मण बनते वहीफिर ब्राह्मण सो देवता बनते हैं। गीत:- तुम्हें पाके हमने जहान...

Tuesday, May 15, 2012

Murli 15 May Hindi & English

15-05-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''बापदादा'' मधुबन 
मुरली सार : ''मीठे बच्चे - अब बाप समान देही-अभिमानी बनो, बाप की यही चाहना है कि बच्चे मेरे समान बन मेरे साथ घर में चलें'' 
प्रश्न: तुम बच्चे किस बात का वन्डर देखते बाप की शुक्रिया गाते हो? 
उत्तर: तुम वन्डर देखते बाबा कैसे अपनी फ़र्ज-अदाई निभा रहे हैं। अपने बच्चों को राजयोग सिखलाए लायक बना रहे हैं। तुम बच्चे अन्दर ही अन्दर ऐसे मीठे बाबा की शुक्रिया गाते हो। बाबा कहते यह शुक्रिया शब्द भी भक्ति मार्ग का है। बच्चों का तो अधिकार होता है, इसमें शुक्रिया की भी क्या बात। ड्रामा अनुसार बाप को वर्सा देना ही है। 
गीत:- जिसका साथी है भगवान..... 

Monday, May 14, 2012

Murli 14 May Hindi & English

14-05-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''बापदादा'' मधुबन 
मुरली सार : ''मीठे बच्चे - तुम ब्राह्मणों को ईश्वर की गोद मिली है, तुम्हें नशा रहना चाहिए बाप ने इस तन द्वारा हमें अपना बनाया है'' 
प्रश्न: बाप ने कौन सा दिव्य कर्तव्य किया है? जिस कारण उनकी इतनी महिमा गाई हुई है? 
उत्तर: पतितों को पावन बनाना। सभी मनुष्यों को माया रावण की जंजीरों से छुड़ाना - यह दिव्य कर्तव्य एक बाप ही करते हैं। बेहद के बाप से ही बेहद सुख का वर्सा मिलता है, जो फिर आधाकल्प तक चलता है। सतयुग में है गोल्डन जुबली, त्रेता में है सिल्वर जुबली। वह सतोप्रधान, वह सतो। दोनों को ही सुखधाम कहा जाता है। ऐसे सुखधाम की स्थापना बाप ने की है, इसलिए उनकी महिमा गाई जाती है। 
गीत:- इन्साफ का मन्दिर है यह.... 

Sunday, May 13, 2012

Murli 13 April Hindi & English

13-05-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:18-07-74 मधुबन 
सम्पूर्ण पवित्र वृत्ति और दृष्टि से श्रेष्ठ तकदीर की तस्वीर 
वरदान: सर्वशक्तियों को अपने अधिकार में रख सहज सफलता प्राप्त करने वाले मा. सर्वशक्तिमान् भव 
जितना-जितना मास्टर सर्वशक्तिमान् की सीट पर सेट होंगे उतना ये सर्व शक्तियां आर्डर में रहेंगी। जैसे स्थूल कर्मेन्द्रियां जिस समय जैसा आर्डर करते हो वैसे आर्डर से चलती हैं, ऐसे सूक्ष्म शक्तियां भी आर्डर पर चलने वाली हों। जब यह सर्व शक्तियाँ अभी से आर्डर पर होंगी तब अन्त में सफलता प्राप्त कर सकेंगे क्योंकि जहाँ सर्व शक्तियाँ हैं, वहाँ सफलता जन्म सिद्ध अधिकार है। 
स्लोगन: आकारी और निराकारी स्थिति में सहज स्थित होना है तो निरंहकारी बनो। 
The portrait of elevated fortune through having a completely pure attitude and vision (drishti). 

Blessing: May you be a master almighty authority and easily attain success by keeping all your powers under your control. 
To the extent that you remain set on the seat of a master almighty authority, all the powers will accordingly remain under your orders. Just as your physical organs work according to your orders whenever you order them, in the same way, the subtle powers should also work under your orders. If all these powers work under your orders from now, you will be able to attain success at the end because where there are all powers, success is your birthright. 
Slogan: In order to remain easily stable in the subtle and incorporeal stages, become egoless. 

Saturday, May 12, 2012

Murli 12 April Hindi & English

12-05-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''बापदादा'' मधुबन 
मुरली सार : ''मीठे बच्चे - विचार सागर मंथन कर भारत की हिस्ट्री-जाग्रॉफी और नई दुनिया का संवत सिद्ध कर बताओ तो कल्प की आयु सिद्ध हो जायेगी'' 
प्रश्न: तुम बच्चों को अभी कौन सी धुन लगी हुई है जो मनुष्यों से भिन्न है? 
उत्तर: तुम्हें धुन है कि विश्व का बेड़ा जो डूबा हुआ है उसे हम सैलवेज करें। सबको सच्ची-सच्ची सत्य नारायण की कथा वा अमरकथा सुनायें जिससे सबकी उन्नति हो। इतने बड़े-बड़े महल, बिजली आदि सब कुछ है परन्तु उन्हें यह पता नहीं है कि यह सब आर्टीफिशल झूठी उन्नति है। सच्ची उन्नति तो सतयुग में थी, जो अब बाप आकर करते हैं। 
गीत:- आखिर वह दिन आया आज..... 

Friday, May 11, 2012

Murli 11 April Hindi & English


11-05-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''बापदादा'' मधुबन 
मुरली सार : ''मीठे बच्चे - विजय माला में आना है तो निश्चयबुद्धि बनो, निराकार बाप हमें पढ़ाते हैं, वह साथ ले जायेंगे, इस निश्चय में कभी संशय न आये 
प्रश्न: विजयी रत्न बनने वालों की मुख्य निशानी क्या होगी? 
उत्तर: उन्हें कभी किसी बात में संशय नहीं आयेगा। वह निश्चयबुद्धि होंगे। उन्हें निश्चय होगा कि यह संगम का समय है। अब दु:खधाम पूरा हो सुखधाम आना है। 2- बाप ही राजयोग सिखला रहे हैं, वह देही-अभिमानी बनाकर साथ ले जायेंगे। वह अभी हम आत्माओं से बात करते हैं। हम उनके सम्मुख बैठे हैं। 3- परमात्मा हमारा बाप भी है, राजयोग की शिक्षा देते हैं इसलिए शिक्षक भी है और शान्तिधाम में ले जायेंगे इसलिए सतगुरू भी है। ऐसे निश्चयबुद्धि हर बात में विजयी होंगे। 
गीत:- तुम्हें पाके हमने.... 

Thursday, May 10, 2012

Murli 10 April Hindi & English

10-05-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''बापदादा'' मधुबन 
मुरली सार : "मीठे बच्चे - नींद को जीतने वाले बनो, रात को जागकर ज्ञान चिंतन करो, बाप की याद में रहो तो खुशी का पारा चढ़ेगा।" 
प्रश्न: भारत में अनेक छुट्टियां होती हैं लेकिन संगमयुग पर तुम्हें एक सेकण्ड की भी छुट्टी नहीं मिलती क्यों? 
उत्तर: क्योंकि संगम का एक-एक सेकण्ड मोस्ट वैल्युबुल है, इसमें श्वासों श्वांस बाप को याद करना है, रात-दिन सर्विस करनी है। आज्ञाकारी, वफादार बन याद से विकर्म विनाश करके इज्जत के साथ सीधा घर जाना है, सजाओं से छूटना है, आत्मा और शरीर दोनों को कंचन बनाना है इसलिए तुम्हें एक सेकण्ड की भी छुट्टी नहीं। 
गीत:- हमारे तीर्थ न्यारे हैं... 

Wednesday, May 9, 2012

Murli 09 April Hindi & English

09-05-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''बापदादा'' मधुबन 
मुरली सार : ''मीठे बच्चे - बाप ही सतगुरू के रूप में तुम बच्चों से गैरन्टी करते हैं, बच्चे मैं तुम्हें अपने साथ वापस ले जाऊंगा, यह गैरन्टी कोई देहधारी कर न सके'' 
प्रश्न: तुम बच्चे यह कथा जो सुन रहे हो, यह पूरी कब होगी? 
उत्तर: जब तुम फरिश्ते बन जायेंगे। कथा सुनाई जाती है पतित को। जब पावन बन गये तो कथा की दरकार नहीं, इसलिए सूक्ष्मवतन में पार्वती को शंकर ने कथा सुनाई - यह कहना ही रांग है। 
प्रश्न:- शिवबाबा की महिमा में कौन से शब्द राइट हैं, कौन से रांग? 
उत्तर:- शिवबाबा को अभोक्ता, असोचता, करनकरावनहार कहना राइट है। बाकी अकर्ता कहना राइट नहीं क्योंकि वह पतितों को पावन बनाते हैं। 
गीत:- छोड़ भी दे आकाश सिंहासन...... 

Tuesday, May 8, 2012

Murli 08 April Hindi & English


08-05-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''बापदादा'' मधुबन 
मुरली सार : ''मीठे बच्चे - बाप की श्रीमत पर चलने से ऊंच बनेंगे, रावण की मत पर चलने से सारी इज्जत ही मिट्टी में मिल जायेगी'' 
प्रश्न: ईश्वरीय बर्थ राइट लेने वाले वारिस बच्चों की निशानी सुनाओ? 
उत्तर: ऐसे वारिस बच्चे - 1) बाप को पूरा-पूरा फालो करते हुए चलेंगे। 2) शूद्रों के संग से बहुत-बहुत सम्भाल रखेंगे। कभी भी उनके संग में आकर बाप की श्रीमत में अपनी मनमत मिक्स नहीं करेंगे। 3) अपना सच्चा-सच्चा पोतामेल बाप को सुनायेंगे। 4) एक दो को सावधान करते उन्नति को पाते रहेंगे। 5) कभी भी बाप का हाथ छोड़ने का संकल्प भी नहीं करेंगे। 
गीत:- माता ओ माता तू सबकी भाग्य विधाता.... 

Murli 07 April Hindi & English

मुरली सार : ''मीठे बच्चे - श्रीमत में कभी मनमत मिक्स नहीं करना, मनमत पर चलना माना अपनी तकदीर को लकीर लगाना'' 

प्रश्न: बच्चों को बाप से कौन सी उम्मींद नहीं रखनी चाहिए? 
उत्तर: कई बच्चे कहते हैं बाबा हमारी बीमारी को ठीक कर दो, कुछ कृपा करो। बाबा कहते यह तो तुम्हारे पुराने आरगन्स हैं। थोड़ी बहुत तकलीफ तो होगी ही, इसमें बाबा क्या करें। कोई मर गया, देवाला निकल गया तो इसमें बाबा से कृपा क्या मांगते हो, यह तो तुम्हारा हिसाब-किताब है। हाँ योगबल से तुम्हारी आयु बढ़ सकती है, जितना हो सके योगबल से काम लो। 
गीत:- तूने रात गॅवाई..... 

Sunday, May 6, 2012

Murli 06 April


06-05-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:14-07-74 मधुबन 
बाप समान सफलता-मूर्त बनने का साधन सर्व के प्रति शुभ भावना 
वरदान: पुराने संसार और संस्कारों की आकर्षण से जीते जी मरने वाले यथार्थ मरजीवा भव 
यथार्थ जीते जी मरना अर्थात् सदा के लिए पुराने संसार वा पुराने संस्कारों से संकल्प और स्वप्न में भी मरना। मरना माना परिवर्तन होना। उन्हें कोई भी आकर्षण अपनी ओर आकर्षित कर नहीं सकती। वह कभी नहीं कह सकते कि क्या करें, चाहते नहीं थे लेकिन हो गया...कई बच्चे जीते जी मरकर फिर जिंदा हो जाते हैं। रावण का एक सिर खत्म करते तो दूसरा आ जाता, लेकिन फाउन्डेशन को ही खत्म कर दो तो रूप बदल करके माया वार नहीं करेगी। 
स्लोगन: सबसे लकी वो हैं जो याद और सेवा में सदा बिजी रहते हैं। 

Saturday, May 5, 2012

Murli 05 April Hindi & English

05-05-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''बापदादा'' मधुबन 
मुरली सार : मीठे बच्चे - अपने इस जीवन को कौड़ी से हीरे जैसा बनाना है तो समय को सफल करो, अवगुणों को निकालो, खाने-पीने, सोने में समय बरबाद मत करो 
प्रश्न: मनुष्यों ने किस एक शब्द से सबको भगवान का रूप समझ लिया है? 
उत्तर: बाबा कहता इस समय मैं बहुरूपी हूँ, ऐसे नहीं यहाँ जब मुरली चलाता तो परमधाम खाली हो जाता है, मुझे तो इस समय बहुत काम करने पड़ते हैं, बहुत सर्विस चलती है। बच्चों को, भक्तों को साक्षात्कार कराना पड़ता है। इस समय मैं बहुरूपी हूँ, इसी एक शब्द से मनुष्यों ने कहा है यह सब भगवान के रूप हैं। 
प्रश्न:- बाप की किस श्रीमत को पालन करने वाले बच्चे सपूत हैं? 
उत्तर:- बाबा कहते बच्चे कभी भी डिस सर्विस न करो, टाइम बहुत वैल्युबुल है, इसे सोने में न गँवाओ। कम से कम 8 घण्टा मेरे खातिर दो। यह श्रीमत पालन करने वाले सपूत हैं। 
गीत:- तूने रात गँवाई सोके... 

Friday, May 4, 2012

Murli 04 April Hindi & English

04-05-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''बापदादा'' मधुबन 
मुरली सार : ''मीठे बच्चे - तुम सच्चे-सच्चे आशिक बन मुझ एक माशूक को याद करो तो तुम्हारी आयु बढ़ जायेगी, योग और पढ़ाई से ही तुम ऊंच पद पा सकेंगे'' 
प्रश्न: भारत को स्वर्ग बनाने के लिए बाप बच्चों से कौन सी मदद मांगते हैं? 
उत्तर: बच्चे - मुझे पवित्रता की मदद चाहिए। प्रतिज्ञा करो - हम काम विकार को लात मार पवित्र जरूर बनेंगे। सवेरे-सवेरे उठ अपने से बातें करो - मीठे बाबा हम आपकी मदद के लिए तैयार हैं। हम पवित्र बन भारत को पवित्र जरूर बनायेंगे। हम आपकी शिक्षा पर जरूर चलेंगे। कोई भी पाप का काम नहीं करेंगे। बाबा आपकी कमाल है, स्वप्न में भी नहीं था कि हम कोई विश्व का मालिक बनेंगे। आप हमें क्या से क्या बना रहे हैं। 
गीत:- तुम्हारे बुलाने को...