13-05-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:18-07-74 मधुबन
सम्पूर्ण पवित्र वृत्ति और दृष्टि से श्रेष्ठ तकदीर की तस्वीर
वरदान: सर्वशक्तियों को अपने अधिकार में रख सहज सफलता प्राप्त करने वाले मा. सर्वशक्तिमान् भव
जितना-जितना मास्टर सर्वशक्तिमान् की सीट पर सेट होंगे उतना ये सर्व शक्तियां आर्डर में रहेंगी। जैसे स्थूल कर्मेन्द्रियां जिस समय जैसा आर्डर करते हो वैसे आर्डर से चलती हैं, ऐसे सूक्ष्म शक्तियां भी आर्डर पर चलने वाली हों। जब यह सर्व शक्तियाँ अभी से आर्डर पर होंगी तब अन्त में सफलता प्राप्त कर सकेंगे क्योंकि जहाँ सर्व शक्तियाँ हैं, वहाँ सफलता जन्म सिद्ध अधिकार है।
स्लोगन: आकारी और निराकारी स्थिति में सहज स्थित होना है तो निरंहकारी बनो।
The portrait of elevated fortune through having a completely pure attitude and vision (drishti).
Blessing: May you be a master almighty authority and easily attain success by keeping all your powers under your control.
To the extent that you remain set on the seat of a master almighty authority, all the powers will accordingly remain under your orders. Just as your physical organs work according to your orders whenever you order them, in the same way, the subtle powers should also work under your orders. If all these powers work under your orders from now, you will be able to attain success at the end because where there are all powers, success is your birthright.
Slogan: In order to remain easily stable in the subtle and incorporeal stages, become egoless.
सम्पूर्ण पवित्र वृत्ति और दृष्टि से श्रेष्ठ तकदीर की तस्वीर
वरदान: सर्वशक्तियों को अपने अधिकार में रख सहज सफलता प्राप्त करने वाले मा. सर्वशक्तिमान् भव
जितना-जितना मास्टर सर्वशक्तिमान् की सीट पर सेट होंगे उतना ये सर्व शक्तियां आर्डर में रहेंगी। जैसे स्थूल कर्मेन्द्रियां जिस समय जैसा आर्डर करते हो वैसे आर्डर से चलती हैं, ऐसे सूक्ष्म शक्तियां भी आर्डर पर चलने वाली हों। जब यह सर्व शक्तियाँ अभी से आर्डर पर होंगी तब अन्त में सफलता प्राप्त कर सकेंगे क्योंकि जहाँ सर्व शक्तियाँ हैं, वहाँ सफलता जन्म सिद्ध अधिकार है।
स्लोगन: आकारी और निराकारी स्थिति में सहज स्थित होना है तो निरंहकारी बनो।
The portrait of elevated fortune through having a completely pure attitude and vision (drishti).
Blessing: May you be a master almighty authority and easily attain success by keeping all your powers under your control.
To the extent that you remain set on the seat of a master almighty authority, all the powers will accordingly remain under your orders. Just as your physical organs work according to your orders whenever you order them, in the same way, the subtle powers should also work under your orders. If all these powers work under your orders from now, you will be able to attain success at the end because where there are all powers, success is your birthright.
Slogan: In order to remain easily stable in the subtle and incorporeal stages, become egoless.
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