10-06-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज: 09-01-75 मधुबन
इन्तजार की बजाय इन्तजाम करो!
10-06-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज: 16-01-75 मधुबन
ज्वाला रूप अवस्था
वरदान: सदा हर कर्म में रूहानी नशे का अनुभव करने और कराने वाले खुशनसीब भव
संगमयुग पर आप बच्चे सबसे अधिक खुशनसीब हो, क्योंकि स्वयं भगवान ने आपको पसन्द कर लिया। बेहद के मालिक बन गये। भगवान की डिक्शनरी में ''हू इज हू'' में आपका नाम है। बेहद का बाप मिला, बेहद का राज्य भाग्य मिला, बेहद का खजाना मिला... यही नशा सदा रहे तो अतीन्द्रिय सुख का अनुभव होता रहेगा। यह है बेहद का रूहानी नशा, इसका अनुभव करते और कराते रहो तब कहेंगे खुशनसीब।
स्लोगन: साधनों को सेवा के प्रति यूज़ करो-आरामपसन्द बनने के लिए नहीं।
इन्तजार की बजाय इन्तजाम करो!
10-06-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज: 16-01-75 मधुबन
ज्वाला रूप अवस्था
वरदान: सदा हर कर्म में रूहानी नशे का अनुभव करने और कराने वाले खुशनसीब भव
संगमयुग पर आप बच्चे सबसे अधिक खुशनसीब हो, क्योंकि स्वयं भगवान ने आपको पसन्द कर लिया। बेहद के मालिक बन गये। भगवान की डिक्शनरी में ''हू इज हू'' में आपका नाम है। बेहद का बाप मिला, बेहद का राज्य भाग्य मिला, बेहद का खजाना मिला... यही नशा सदा रहे तो अतीन्द्रिय सुख का अनुभव होता रहेगा। यह है बेहद का रूहानी नशा, इसका अनुभव करते और कराते रहो तब कहेंगे खुशनसीब।
स्लोगन: साधनों को सेवा के प्रति यूज़ करो-आरामपसन्द बनने के लिए नहीं।
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