Murli Point - Hindi
[24-12-2011]
मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - देह-अभिमान में आने से पाप होते हैं, इसलिए देही-अभिमानी बनो, तुम्हारे मैनर्स बहुत अच्छे होने चाहिए, किसी को भी दु:ख नहीं देना है''
प्रश्न: 21 जन्मों की प्रालब्ध बनाने के लिए बाप कौन सी सहज युक्ति बताते हैं?
उत्तर: बच्चे, यह ईश्वरीय बैंक है, इसमें जितना जमा करेंगे उतना 21 जन्म प्रालब्ध पायेंगे। ईश्वरीय स्थापना के कार्य में सफल करने से ही जमा होगा। बाकी तो सबका देवाला निकलना ही है। यह है ही दु:खधाम। अर्थक्वेक होगी, आग लगेगी... सबको घाटा पड़ना है इसलिए कहते हैं - किनकी दबी रहेगी धूल में, किनकी राजा खाए...
धारणा के लिए मुख्य सार:
1) अन्दर में कोई भी खोट (कमी) हो तो उसे निकाल देना है। सच्ची दिल रखनी है। देह-अभिमान में आकर कभी क्रोध नहीं करना है।
2) जब भी फुर्सत मिले तो याद की यात्रा में रह कमाई जमा करनी है।
वरदान: अपने स्वरूप द्वारा भक्तों को लाइट के क्राउन का साक्षात्कार कराने वाले इष्ट देव भव
जबसे आप बाप के बच्चे बने, पवित्रता की प्रतिज्ञा की तो रिटर्न में लाइट का ताज प्राप्त हो गया। इस लाइट के ताज के आगे रत्न जड़ित ताज कुछ भी नहीं है। जितना-जितना संकल्प, बोल और कर्म में प्योरिटी को धारण करते जायेंगे उतना यह लाइट का क्राउन स्पष्ट होता जायेगा और इष्ट देव के रूप में भक्तों के आगे प्रत्यक्ष होते जायेंगे।
स्लोगन: सदा बापदादा की छत्रछाया के अन्दर रहो तो विघ्न-विनाशक बन जायेंगे।
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