ॐ शान्ति दिव्य फरिश्ते !!!
विचार सागर मंथन: दिसंबर २७, २०११
विचार सागर मंथन: दिसंबर २७, २०११
बाबा की महिमा: परमपिता परमात्मा शिव बाबा हैं...मेरा बाबा...प्यारा बाबा...मीठा बाबा...दयालु बाबा...कृपालु बाबा...सत बाप...सत टीचर...सत गुरु...ज्ञान का सागर...सदगति दाता... पतित पावन...अविनाशी सर्जन...
स्वमान और आत्मा अभ्यास:
१. हम सौभाग्यशालि आत्माएँ, आवाज़ से परे रहनेके स्वधर्मवाले, इस अमूल्य पुरुषोत्तम संगम युगमें, हर संकल्प, हर सेकण्ड हर श्वास से बाप को याद कर पूरा वर्सा लेनेवाले, कौड़ी से हीरे, बेगर टू प्रिन्स, इन्सालवेन्ट से १००% सालवेन्ट बननेवाले, हर श्वास सफल करनेवाले, जीवन मुक्ति पाकर एक्यूरेत नई दुनिया में आनेवाले, फुल जागती ज्योत वाले
सर्विसेबुल कर्मयोगी हैं...
सर्विसेबुल कर्मयोगी हैं...
२. हम पारस बुद्धि आत्माएँ, मनजीत, मायाजीत, प्रकृतिजीत, जगतजीत हैं... इस अनादि अविनाशी ड्रामा में, पुण्यात्मा, देवात्मा, धर्मात्मा, महान आत्मा हैं...अविनाशी सर्जन से मनमनाभव का इंजेक्शन लेकर २१ जन्मों के लिए एवर हेल्दी बननेवाले, बुद्धि रूपी झोली में ज्ञान रत्न धारण कर ज्ञान का दान करनेवाले, अपना तथा औरों का जीवन हीरे तुल्य बनानेवाले, टाइम, मनी, एनर्जी सफल करनेवाले विष्व सेवाधारी, विष्व परिवर्तक, विष्व कल्याणकारी हैं...
३. मेरा तो एक बाप दूसरा ना कोई...इस स्मृति में एक्टिक, एकरस, एकाग्र रहनेवाले, किसी अन्य आत्मा की स्मृति संकल्प वा स्वप्न में भी नहीं लानेवाले, किसी देहधारी के लगाव वा झुकाव में नहीं आनेवाले, हम भाग्यवान आत्माएँ, अविनाशी सच्चे सुहाग के तिलक से श्रृंगारित, अंतर्मुखी हैं...
रसीले पायंट्स:
a. इस समय शरीर को तकलीफ़ देना- यह भी तो महपाप है...
b. जीवन मुक्ति एक सेकण्ड में बिना कौड़ी खर्चा मिल सकती है....
c. गुल बकावली, अल्लाह अवलदीन, हातमताई, कन्स वध, अमृत मंथन, के खेल सब इस समय के है...
b. जीवन मुक्ति एक सेकण्ड में बिना कौड़ी खर्चा मिल सकती है....
c. गुल बकावली, अल्लाह अवलदीन, हातमताई, कन्स वध, अमृत मंथन, के खेल सब इस समय के है...
Om Shanti Divine Angels !!!
Points to Churn: Murli of December 27, 2011:
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