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Thursday, December 29, 2011

Murli 29 Dec 11


29-12-11:
मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - तुम अभी 21 जन्मों के लिए विश्व के मालिक बनते होअभी तुम्हारे पर ब्रहस्पति की अविनाशी दशा है'' प्रश्न: सच्चे सेवाधारी बच्चों की बुद्धि में कौन सी बात सदैव याद रहती हैउत्तर: धन दिये धन ना खुटे... वह सदैव दान करते ही रहते हैं। उनकी बुद्धि में रहता है कि हम अपना ही कल्याण करते हैं। बाप भी साक्षी होकर देखते हैं कि कौन-कौन अपनी जीवन ऊंच बनाते हैं और कौन पास होंगे। ज्ञान में मैनर्स भी बहुत अच्छे चाहिए। कभी छोटी-छोटी बात में फंक नहीं होना चाहिए। गीत:- तुम्हीं हो मातापिता तुम्हीं हो...

 धारणा के लिए मुख्य सार: 
1) 
इस समय स्वयं को वनवाह में समझना है। अच्छे कपड़ेअच्छे जेवर पहनने का शौक छोड़ देना है। सादगी में रहते हुए चलन बहुत रॉयल रखनी है।
2) 
छुईमुई कभी नहीं बनना है। मुख से कड़ुवे बोल नहीं बोलने हैं। संजीवनी बूटी से माया जीत बनना है। वरदान: एक बाप में सारे संसार का अनुभव करने वाले बेहद के वैरागी भव बेहद के वैरागी वही बन सकते जो बाप को ही अपना संसार समझते हैं। जिनका बाप ही संसार है वह अपने संसार में ही रहेंगेदूसरे में जायेंगे ही नहीं तो किनारा स्वत: हो जायेगा। संसार में व्यक्ति और वैभव सब आ जाता है। बाप की सम्पत्ति सो अपनी सम्पत्ति - इसी स्मृति में रहने से बेहद के वैरागी हो जायेंगे। कोई को देखते हुए भी नहीं देखेंगे। दिखाई ही नहीं देंगे। स्लोगन: पावरफुल स्थिति का अनुभव करने के लिए एकान्त और रमणीकता का बैलेन्स रखो।

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