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Monday, December 19, 2011

Todays Murli 19 Dec


[19-12-2011]

मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - सवेरे-सवेरे उठकर शिवबाबा से गुडमार्निंग जरूर करो, उठते ही शिवबाबा की याद आये, किसी देहधारी की नहीं''
प्रश्न: कौन सा कान्ट्रैक्ट (ठेका) एक बाप के सिवाए दूसरा कोई नहीं उठा सकता है?
उत्तर: पावन दुनिया बनाने का कान्ट्रैक्ट एक बाप का है। यह कान्ट्रैक्ट दूसरा कोई उठा नहीं सकता। सन्यासी पावन बनकर इस दुनिया को थमाते अवश्य हैं लेकिन वह पावन दुनिया बनाने का कान्ट्रैक्ट नहीं उठाते। बाप बच्चों को पावन बनने की युक्ति बताते हैं। बच्चे धंधाधोरी करते एक बाप को याद करो। एक बाप से बुद्धियोग लगाओ।
गीत:- यह कौन आज आया सवेरे-सवेरे...
धारणा के लिए मुख्य सार: 
1) अच्छी सर्विस करने के साथ-साथ दिल व जान से बाप को याद करना है। सवेरे उठते ही प्यार से कहना है -''बाबा गुडमार्निंग''। कर्म करते भी याद का अभ्यास करना है।
2) किसी देहधारी के नाम-रूप में नहीं अटकना है। ज्ञान के चिंतन में रहना है। व्यर्थ बातें नहीं करनी है।
वरदान: हर कर्म रूपी बीज को फलदायक बनाने वाले योग्य शिक्षक भव
योग्य शिक्षक उसे कहा जाता है - जो स्वयं शिक्षा स्वरूप हो क्योंकि शिक्षा देने का सबसे सहज साधन है स्वरूप द्वारा शिक्षा देना। वे अपने हर कदम द्वारा शिक्षा देते हैं, उनके हर बोल वाक्य नहीं लेकिन महावाक्य कहे जाते हैं। उनका हर कर्म रूपी बीज फलदायक होता है, निष्फल नहीं। ऐसे योग्य शिक्षक का संकल्प आत्माओं को नई सृष्टि का अधिकारी बना देता है।
स्लोगन: मनमनाभव की स्थिति में रहो तो अलौकिक सुख व मनरस स्थिति का अनुभव करेंगे। 

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