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Thursday, December 22, 2011

Todays Murli 22 Dec.2011


Murli Point - Hindi

[22-12-2011]

मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - दिलवाला बाप आया है तुम बच्चों की दिल लेने, इसलिए साफ दिल बनो''
प्रश्न: सतयुगी पद का मदार मुख्य किस बात पर है?
उत्तर: पवित्रता पर। मुख्य है ही पवित्रता। सेन्टर पर जो आते हैं उनको समझाना है, अगर पवित्र नहीं बनेंगे तो नॉलेज बुद्धि में ठहर नहीं सकती। योग सीखते-सीखते अगर पतित बन गये तो सब कुछ मिट्टी में मिल जायेगा। अगर कोई पवित्र नहीं रह सकते तो भले क्लास में न आयें, परवाह नहीं करनी है। जो जितना पढ़ेंगे पवित्र बनेंगे उतना धनवान बनेंगे।
गीत:- आखिर वह दिन आया आज...

धारणा के लिए मुख्य सार: 
1) कभी भी एक दो की दिल खराब नहीं करनी है। सर्विस करने का हुल्लास रखना है। ज्ञान धन है तो दान जरूर करना है।
2) नये घर में चलने के लिए स्वयं को लायक बनाना है। आत्मा को याद के बल से पावन बनाना है।
वरदान: अपने पूजन को स्मृति में रख हर कर्म पूज्यनीय बनाने वाले परमपूज्य भव
आप बच्चों की हर शक्ति का पूजन देवी- देवताओं के रूप में होता है। सूर्य देवता, वायु देवता, पृथ्वी देवी... ऐसे ही निर्भयता की शक्ति का पूजन काली देवी के रूप में है, सामना करने की शक्ति का पूजन दुर्गा के रूप में है। सन्तुष्ट रहने और करने की शक्ति का पूजन सन्तोषी माता के रूप में है। वायु समान हल्के बनने की शक्ति का पूजन पवनपुत्र के रूप में है। तो अपने इस पूजन को स्मृति में रख हर कर्म पूज्यनीय बनाओ तब परमपूज्य बनेंगे।
स्लोगन: जीवन में सन्तुष्टता और सरलता का सन्तुलन रखना ही सबसे बड़ी विशेषता है।

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