GIVE COMFORT, RECEIVE HAPPINESS

Jivan Main har ek se santust raho to sabhi aapase santusht rahenge

AM A PEACE FULL SOUL

Main Aatama shant hun. shanti muz aatama ke pas hi hai , kanhi aur janeki jarurat nahi. SO FEEL PEACE IN OUR SELF

PEACE OF MIND WILL END ALL WARS

Shanti se hi Sabhi Youddh ko samapt kiya ja sakta hai.

PURITY IS YOUR POWER

"Pavitrata hi jivan ki sachi punji hai"

YOGI LIFE, DIAMOND LIFE

Yogi ko hamesha apani aatmik sthitime rahana mana "DIAMOND" jivan hai

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Saturday, May 19, 2012

Murli 19 May Hindi & English


मुरली सार : ''मीठे बच्चे - बाप आया है तुम्हारी सब शुद्ध कामनायें पूरी करने, रावण अशुद्ध कामना पूरी करता और बाप शुद्ध कामना पूरी करता'' 
प्रश्न: जो बाप की श्रीमत का उल्लंघन करते हैं - उनकी अन्तिम गति क्या होगी? 
उत्तर: श्रीमत का उल्लंघन करने वालों को माया के भूत अन्त में राम-राम संग है... करके घर ले जायेंगे। फिर बहुत कड़ी सजा खानी पड़ेगी। श्रीमत पर न चले तो यह मरे। धर्मराज पूरा हिसाब लेता है, इसलिए बाप बच्चों को अच्छी मत देते, बच्चे माया की बुरी मत से सावधान रहो। ऐसा न हो बाप का बनकर फिर कोई विकर्म हो जाए और 100 गुणा दण्ड भोगना पड़े। श्रीमत पर न चलना, पढ़ाई छोड़ना ही अपने ऊपर बददुआ, अकृपा करना है। 
गीत:- ओम् नमो शिवाए... 

Friday, May 18, 2012

Murli 18 May Hindi & English


मुरली सार : ''मीठे बच्चे - तुम्हारा प्यार आत्मा से होना चाहिए, चलते-फिरते अभ्यास करो, मैं आत्मा हूँ, आत्मा से बात करता हूँ, मुझे कोई बुरा काम नहीं करना है।'' 
प्रश्न: बाप द्वारा रचा हुआ यज्ञ जब तक चल रहा है तब तक ब्राह्मणों को बाप का कौन सा फरमान जरूर पालन करना है? 
उत्तर: बाप का फरमान है - बच्चे जब तक यह रूद्र यज्ञ चल रहा है तब तक तुम्हें पवित्र जरूर रहना है। तुम ब्रह्मा के बच्चे ब्रह्माकुमार कुमारी कभी विकार में नहीं जा सकते। अगर कोई इस फरमान की अवज्ञा करते हैं तो बहुत कड़े दण्ड के भागी बन जाते हैं। अगर किसी में क्रोध का भी भूत है तो वह ब्राह्मण नहीं। ब्राह्मणों को देही-अभिमानी रहना है, कभी विकार के वशीभूत नहीं होना है। 
गीत:- ओ दूर के मुसाफिर.... 

Thursday, May 17, 2012

Murli 17 May Hindi & English


मुरली सार : ''मीठे बच्चे - जिस बाप को तुमने आधाकल्प याद किया, अब उसका फरमान मिलता है तो उसे पालन करो इससे तुम्हारी चढ़ती कला हो जायेगी'' 
प्रश्न: तुम बच्चों को अपनी नेचर-क्योर आपेही करनी है, कैसे? 
उत्तर: एक बाप की याद में रहने और यज्ञ की प्यार से सेवा करने से नेचर-क्योर हो जाती है क्योंकि याद से आत्मा निरोगी बनती है और सेवा से अपार खुशी रहती है। तो जो याद और सेवा में बिजी रहते हैं उनकी नेचर क्योर होती रहती है। 
गीत:- तूने रात गंवाई... 

Murrli 16 May


16-5-12:
मुरली सार : ''मीठे बच्चे - तुम बाप की श्रीमत पर चलो तो तुम्हें कोई भी दु: दे नहीं सकतादु: तकलीफ देने वाला रावण हैजो तुम्हारे राज्य में होता नहीं'' प्रश्नइस ज्ञान यज्ञ में तुम बच्चे कौन सी आहुति देते हो
उत्तरइस ज्ञान यज्ञ में तुम कोई तिल जौं की आहुति नहीं देतेइसमें तुम्हें देह सहित जो कुछ भी है वह सब आहुति देनी हैअर्थात् बुद्धि से सब भुला देना है। इस यज्ञ की सम्भाल पवित्र रहने वाले ब्राह्मण ही कर सकते हैं। जो पवित्र ब्राह्मण बनते वहीफिर ब्राह्मण सो देवता बनते हैं। गीत:- तुम्हें पाके हमने जहान...

Tuesday, May 15, 2012

Murli 15 May Hindi & English

15-05-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''बापदादा'' मधुबन 
मुरली सार : ''मीठे बच्चे - अब बाप समान देही-अभिमानी बनो, बाप की यही चाहना है कि बच्चे मेरे समान बन मेरे साथ घर में चलें'' 
प्रश्न: तुम बच्चे किस बात का वन्डर देखते बाप की शुक्रिया गाते हो? 
उत्तर: तुम वन्डर देखते बाबा कैसे अपनी फ़र्ज-अदाई निभा रहे हैं। अपने बच्चों को राजयोग सिखलाए लायक बना रहे हैं। तुम बच्चे अन्दर ही अन्दर ऐसे मीठे बाबा की शुक्रिया गाते हो। बाबा कहते यह शुक्रिया शब्द भी भक्ति मार्ग का है। बच्चों का तो अधिकार होता है, इसमें शुक्रिया की भी क्या बात। ड्रामा अनुसार बाप को वर्सा देना ही है। 
गीत:- जिसका साथी है भगवान..... 

Monday, May 14, 2012

BK Classes



Relaxation Meditation Commentary
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Swarg Mein Ek Hi Seat Khaali Hai Full
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Swarg Mein Ek Hi Seat Khali Hai
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Tere shanti stambh ke aage
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avakt bapdada


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Murli 14 May Hindi & English

14-05-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''बापदादा'' मधुबन 
मुरली सार : ''मीठे बच्चे - तुम ब्राह्मणों को ईश्वर की गोद मिली है, तुम्हें नशा रहना चाहिए बाप ने इस तन द्वारा हमें अपना बनाया है'' 
प्रश्न: बाप ने कौन सा दिव्य कर्तव्य किया है? जिस कारण उनकी इतनी महिमा गाई हुई है? 
उत्तर: पतितों को पावन बनाना। सभी मनुष्यों को माया रावण की जंजीरों से छुड़ाना - यह दिव्य कर्तव्य एक बाप ही करते हैं। बेहद के बाप से ही बेहद सुख का वर्सा मिलता है, जो फिर आधाकल्प तक चलता है। सतयुग में है गोल्डन जुबली, त्रेता में है सिल्वर जुबली। वह सतोप्रधान, वह सतो। दोनों को ही सुखधाम कहा जाता है। ऐसे सुखधाम की स्थापना बाप ने की है, इसलिए उनकी महिमा गाई जाती है। 
गीत:- इन्साफ का मन्दिर है यह.... 

Dadi Janki –


Dadi Janki – 10 May 2012 – GCH, London – Meeting those in the House
My breath, my health and my stage are all connected

·         Baba was talking in today’s murli about remembering Baba in every breath. What is Dadi’s experience of that?
·         How to donate knowledge, virtues and powers. And why is donating powers called the greatest donation?
·         How to maintain stability of the intellect?

It is essential to have a stable intellect – and only possible when you have remembrance of the One Father. When you are using weighing scales, the needle has to be stable, so that you can get an accurate measurement. When the intellect is stable, it’s easy to imbibe what Baba shares. When it isn’t, then even though you may like what Baba is sharing, it won’t go inside. Here we earn while we study. This isn’t so with worldly education - there’s no guarantee you will get a job according to what you’ve studied. People waste half their life in education and get into debt, which they’re then unable to pay off. In God’s study, with the stability of the intellect, we’re studying and earning at the same time.

Vichaar sagar manthan: Mai 14, 2012


 May  14, 2012 :
हम आत्माएँशुद्ध शक्तिशाली संकल्प द्वारा औरों के छत्रछाया वा किले हैं ...
With pure powerful thoughts, we, the souls, become canopies of protection and fortresses for others....
Hum atmayen, shuddh shaktishaali sankalp dwara auron ke chatrchaaya va kile hain...


The Points are in 3 languages: Hindi, English and Hinglish (Hindi written in English Script) Please scroll down to the language of your choice.
ॐ  शान्ति दिव्य फरिश्ते !!! विचार सागर मंथन: मई १४२०१२ बाबा की महिमा: निराकार पतित पावन परमपिता परमात्मा शिव बाबा हैं...मेरा बाबा...प्यारा बाबा...मीठा बाबा...दयालु बाबा...कृपालु बाबा... सत बाप...सत टीचर...सत गुरु... हेविनली गॉड फ़ादर...ज्ञान सागर...आनंद का सागर...पांडव पति...

Sunday, May 13, 2012

Murli 13 April Hindi & English

13-05-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:18-07-74 मधुबन 
सम्पूर्ण पवित्र वृत्ति और दृष्टि से श्रेष्ठ तकदीर की तस्वीर 
वरदान: सर्वशक्तियों को अपने अधिकार में रख सहज सफलता प्राप्त करने वाले मा. सर्वशक्तिमान् भव 
जितना-जितना मास्टर सर्वशक्तिमान् की सीट पर सेट होंगे उतना ये सर्व शक्तियां आर्डर में रहेंगी। जैसे स्थूल कर्मेन्द्रियां जिस समय जैसा आर्डर करते हो वैसे आर्डर से चलती हैं, ऐसे सूक्ष्म शक्तियां भी आर्डर पर चलने वाली हों। जब यह सर्व शक्तियाँ अभी से आर्डर पर होंगी तब अन्त में सफलता प्राप्त कर सकेंगे क्योंकि जहाँ सर्व शक्तियाँ हैं, वहाँ सफलता जन्म सिद्ध अधिकार है। 
स्लोगन: आकारी और निराकारी स्थिति में सहज स्थित होना है तो निरंहकारी बनो। 
The portrait of elevated fortune through having a completely pure attitude and vision (drishti). 

Blessing: May you be a master almighty authority and easily attain success by keeping all your powers under your control. 
To the extent that you remain set on the seat of a master almighty authority, all the powers will accordingly remain under your orders. Just as your physical organs work according to your orders whenever you order them, in the same way, the subtle powers should also work under your orders. If all these powers work under your orders from now, you will be able to attain success at the end because where there are all powers, success is your birthright. 
Slogan: In order to remain easily stable in the subtle and incorporeal stages, become egoless. 

Points to Churn: Murli of May 13, 2012 (18-7-74)


 शान्ति दिव्य फरिश्ते !!! विचार सागर मंथन: मई १३,२०१२ (१८-७-७४ )
बाबा की महिमा: 
निराकार पतित पावन परमपिता परमात्मा शिव बाबा हैं...मेरा बाबा...प्यारा बाबा...मीठा बाबा...दयालु बाबा...कृपालु बाबा... सत बाप...सत टीचर...सत गुरु... स्वमान और आत्मा अभ्यास:
१. हम आत्माएँश्रीमत अनुसार और बाप दादा की पालना अनुसार तकदीर की लकीर बनानेवालेतकदीर की तस्वीर अपनी धारणाओं द्वारा दिखानेवालेपावर फुल स्मृती वालेभाई-भाई की वृत्ति वालेसम्पूर्ण पवित्र दृष्टि वालेदिव्य गुणों से शृंगारे हुए चमकझलक और फलक वालेसोलह कला सम्पूर्ण देवी देवता हैं...अनेक आत्माओं को आकर्षित कर देही अभिमानी बनानेवालेआकर्षण मूर्त वैल्युबल रूहानी चैतन्य चित्र हैं...

Saturday, May 12, 2012

Murli 12 April Hindi & English

12-05-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''बापदादा'' मधुबन 
मुरली सार : ''मीठे बच्चे - विचार सागर मंथन कर भारत की हिस्ट्री-जाग्रॉफी और नई दुनिया का संवत सिद्ध कर बताओ तो कल्प की आयु सिद्ध हो जायेगी'' 
प्रश्न: तुम बच्चों को अभी कौन सी धुन लगी हुई है जो मनुष्यों से भिन्न है? 
उत्तर: तुम्हें धुन है कि विश्व का बेड़ा जो डूबा हुआ है उसे हम सैलवेज करें। सबको सच्ची-सच्ची सत्य नारायण की कथा वा अमरकथा सुनायें जिससे सबकी उन्नति हो। इतने बड़े-बड़े महल, बिजली आदि सब कुछ है परन्तु उन्हें यह पता नहीं है कि यह सब आर्टीफिशल झूठी उन्नति है। सच्ची उन्नति तो सतयुग में थी, जो अब बाप आकर करते हैं। 
गीत:- आखिर वह दिन आया आज.....