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Thursday, January 26, 2012

Murli 26 Jan

26-1-12: 
''मीठे बच्चे - तुम्हें इस कांटों के जंगल को दैवी फूलों का बगीचा बनाना है, नई दुनिया का निर्माण करना है''
प्रश्न: तुम बच्चे बाप के साथ कौन सी सेवा करते हो जो कोई भी नहीं करता?
उत्तर: सारे विश्व में सूर्यवंशी, चन्द्रवंशी राजधानी की स्थापना करने की सेवा तुम बच्चे ही बाप के साथ-साथ करते हो जो कोई भी नहीं कर सकता। तुम अभी नई दुनिया का फाउन्डेशन लगा रहे हो तो जरूर इस पुरानी दुनिया का विनाश होगा। दैवी फूलों का बगीचा बनाना, कांटों के जंगल को खत्म करना - यह बाप का ही काम है। गीत:- ओम् नमो शिवाए...

धारणा के लिए मुख्य सार:
1)
श्रीमत पर भारत को पावन बनाने की सेवा करनी है। रावण की मत को छोड़ एक बाप की श्रीमत पर चलना है।
2)
इस दु:खधाम को भूल अपने स्वीट होम, शान्तिधाम को याद करना है। स्वयं को नई दुनिया में चलने के लिए तैयार करना है।
वरदान: ड्रामा के हर राज़ को जान सदा खुश-राज़ी रहने वाले नॉलेजफुल, त्रिकालदर्शी भव जो बच्चे नॉलेजफुल, त्रिकालदर्शी हैं वे कभी नाराज़ नहीं हो सकते। भल कोई गाली भी दे, इनसल्ट कर दे तो भी राज़ी, क्योंकि ड्रामा के हर राज़ को जानने वाले नाराज नहीं होते। नाराज़ वो होता है जो राज़ को नहीं जानता है इसलिए सदैव यह स्मृति रखो कि भगवान बाप के बच्चे बनकर भी राज़ी नहीं होंगे तो कब होंगे! तो अभी जो खुश भी हैं, राज़ी भी हैं वही बाप के समीप और समान हैं।
स्लोगन: जो व्यर्थ से इनोसेंट रहता है वही सच्चा-सच्चा सेंट (महात्मा) है।
परमात्म प्यार में समा जाओ हम कल्प पहले वाली वही आत्मायें हैं, जिन्होंने बाप को फिर से पा लिया, तो उसी आनंद सुख, प्रेम और खुशी के झूले में झूलने <

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