''मीठे बच्चे - संगम पर तुम्हें बेहद का बाप मिला है, तुम आपस में भाई-बहन हो, तुम्हें बाप से वर्सा लेना है।''
प्रश्न: बाप की किस श्रीमत से हर चीज़ को पत्थर से पारस बना सकते हो?
उत्तर: बाप की श्रीमत है बच्चे, तुम्हारे पास जो कुछ भी है, उसे ईश्वरीय बैंक में जमा कर दो तो वह पत्थर से पारस हो जायेगा। बाबा तो देने वाला है, वह तुमसे कुछ भी लेता नहीं लेकिन तुम्हारे पास जो भी एक्स्ट्रा है उसको सफल करो। किसी से कर्जा आदि नहीं लेना है।
गीत:- तूने रात गंवाई सोके...
धारणा के लिए मुख्य सार:
1) कोई भी खराब आदत नहीं रखनी है। श्रीमत पर अपना एक-एक पैसा सफल कर भविष्य के लिए जमा करना है।
2) ईश्वरीय कुल का बन कोई भी आसुरी कार्य नहीं करना है। सतगुरू के निंदक कभी नहीं बनना है।
वरदान: हर संकल्प, बोल और कर्म द्वारा पुण्य कर्म करने वाले दुआओं के अधिकारी भव
अपने आपसे यह दृढ़ संकल्प करो कि सारे दिन में संकल्प द्वारा, बोल द्वारा, कर्म द्वारा पुण्य आत्मा बन पुण्य ही करेंगे। पुण्य का प्रत्यक्षफल है हर आत्मा की दुआयें। तो हर संकल्प में, बोल में दुआयें जमा हों। सम्बन्ध-सम्पर्क से दिल से सहयोग की शुक्रिया निकले। ऐसे दुआओं के अधिकारी ही विश्व परिवर्तन के निमित्त बनते हैं। उन्हें ही प्राइज़ मिलती है।
स्लोगन: सदा एक बाप की कम्पनी में रहो और बाप को अपना कम्पेनियन बनाओ - यही श्रेष्ठता है।
परमात्म प्यार में समा जाओ
बाप का आप बच्चों से इतना प्यार है जो जीवन के सुख-शान्ति की सब कामनायें पूर्ण कर देते हैं। बाप सुख ही नहीं देते लेकिन सुख के भण्डार का मालिक बना देते हैं। तो ऐसे सुखदाता बाप के प्यार में समा जाओ तो दु:ख दर्द की दुनिया भूल जायेगी।
बाप का आप बच्चों से इतना प्यार है जो जीवन के सुख-शान्ति की सब कामनायें पूर्ण कर देते हैं। बाप सुख ही नहीं देते लेकिन सुख के भण्डार का मालिक बना देते हैं। तो ऐसे सुखदाता बाप के प्यार में समा जाओ तो दु:ख दर्द की दुनिया भूल जायेगी।
6-1-12:
Essence: Sweet children, you have found the unlimited Father at the confluence age. You are brothers and sisters and you have to claim your inheritance from the Father.
Question: By following which shrimat of the Father’s can you change everything from stone to gold?
Answer: The Father’s shrimat is: Children, whatever you have, credit it in God’s bank and that will change from stone to gold. Baba is the Bestower. He doesn’t take anything from you, but you have to use whatever extra you have in a worthwhile way. Don’t take loans from anyone.
Song: You wasted the night in sleeping and the day in eating.Essence for dharna:
1. Don’t have any bad habits. Use every paisa you have in a worthwhile way by following shrimat and thereby accumulating for the future.
2. While belonging to God’s clan, don’t perform any devilish actions. Never defame the Satguru.Blessing: May you have a right to blessings by performing charitable actions through your thoughts, words and deeds.
Have the determined thought by yourself that you will be a charitable soul throughout the day and perform charity through your thoughts, words and deeds. The practical fruit of charity are the blessings of all souls. So, accumulate blessings in your every thought and every word. Let thanks emerge in your heart for those in connection and relationship with you. Those who have a right to such blessings can become instruments for world transformation. Only they receive a prize.
Slogan: Constantly remain in the company of the one Father and make the Father your Companion. This is greatness.Become merged in God’s love.
The Father has so much love for you children that He fulfils all your desires of happiness and peace in life. Not only does the Father give you happiness but He makes you into a master of the treasure of happiness. So, become merged in the love of such a Father who is the Bestower of Happiness and you will forget the world of sorrow.
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