ॐ शान्ति दिव्य फरिश्ते !!!
विचार सागर मंथन: फ़रवरी १७, २०१२
बाबा की महिमा:
परमपिता परमात्मा शिव बाबा हैं...मेरा बाबा...प्यारा बाबा...मीठा बाबा...दयालु बाबा...कृपालु बाबा... सत बाप...सत् टीचर...सत गुरु...सर्वशक्तिमान...पावरफुल. ..मात-पिता...क्रिएटर...गॉड फ़ादर...राम... पतित पावन... निराकार...साजन... ज्ञान का सागर...
स्वमान और आत्मा अभ्यास:
१. हम आत्माएँ, ज्ञान स्वरूप, योग स्वरूप, धारणा स्वरूप हैं...सर्व शक्तिमान शिव बाबा से राज योग सीखकर, आत्मा रूपी दीपक में योग रूपी घृत डालकर, ज्ञान की धारणा करनेवाले, मास्टर सर्वशक्तिमान हैं...बुद्धि योग बल से बाप को याद कर कनेक्शन जूडनेवाले, मनमनाभव के मन्त्र से आत्मा रूपी बैटरी में पावर भरनेवाले, आत्मा में फुल रोशनी भर सोझरा होनेवाले, रोशनी ही रोशनी वाली नई दुनिया में जानेवाले पावरफुल पुरुषार्थी हैं...
२. हम आत्माएँ, एक राम की सिताएँ हैं...एक माशूक के आशिक हैं...एक शिव साजन की सजनियाँ हैं...एक अमरनाथ की पार्वतियाँ हैं...एक गोपी वल्लभ की गोपियाँ हैं...अल्फ और बे को याद करनेवाले, सम्पूर्ण निर्विकारी बन, वर्से के अधिकारी, रावण जीत, माया जीत, जगत जीत, सो विश्व के मालिक हैं..
३. हम आत्माएँ, सदा उमंग उत्साह और हिम्मत के पंखों पर ऊड़ने और ऊडानेवाले ब्राह्मण हैं... दिव्य गुण के श्रेष्ठ प्रभू प्रसाद को स्नेह से बाँटनेवाले, अपने कर्म द्वारा गुण मूर्त बन गुण धारण करने में सहयोग देनेवाले, अपनी मन्सा अर्थात शुद्ध वृत्ति, वायबरेशन द्वारा औरों को जो शक्ति की आवश्यकता हैं उनको वो शक्ति देनेवाले, फ़रिश्ता सो देवता हैं...
Om Shanti Divine Angels !!!
Points to Churn: Murli of February 17, 2012
Praise of Baba:
The Supreme Father, the Supreme Soul is.... My Baba...Sweet Baba...Loving Baba...Kind-hearted Baba...Compassionate Baba...the Almighty Authority...the Powerful One...the Mother and Father...the Creator...the God Father...Rama.. the Purifier..the Incorporeal One...the Bridegroom... the Ocean of Knowledge...
Points of Self Respect and Soul Study:
1. We, the souls, are the embodiments of knowledge, the embodiments of yoga and the embodiments of dharna...we, the master almighty authorities, learn Raj Yoga from the Almighty Authority Father, pour the oil of yoga into the lamp of the soul and inculcate the knowledge...with the power of yoga, we establish a connection with the Father, and with the mantra of Manmanabhav, we charge the battery of our soul, fill it fully with light and become light ...we are the powerful effort-makers who go to the new world where there is nothing but light...
2. We, the souls, are the Sitas of the One Rama...the lovers of the One Beloved...the Parvatis of the One Lord of Immortality...the Gopis of the One Gopi Vallabh...we stay in remembrance of Alpha and Beta, become completely vice less and claim a right to the inheritance...by becoming the conquerors of Maya and the conquerors of Ravan , we become the conquerors of the world, and so the masters of the world...
3. We, the souls, are the Brahmins who always fly and make others fly on the wings of zeal, enthusiasm and courage... we are angels and so deities...we distribute the elevated “Prabhu Prasad” (holy offering) of divine virtues with love... through our deeds, we are the images of virtues and help others imbibe virtues...with our mind, with our pure attitude and vibrations, we donate whichever power another soul needs...
In Loving Remembrance Of Baba,
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