मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - सदा इसी रूहाब में रहो कि बाप हमको वापिस ले जाने के लिए आये हैं, अब सबको वापिस चलना है''
प्रश्न: तुम बच्चे इस समय सबसे बड़े ते बड़ा पुण्य कौन सा करते हो?
उत्तर: अपना सब कुछ शिवबाबा के आगे समर्पण कर देना - यह है बहुत बड़ा पुण्य। सरेन्डर कर पूरा श्रीमत पर चलने से बहुत ऊंच पद मिल जाता है। प्रश्न:- कौन सी एक नई बात मनुष्यों की बुद्धि में बहुत मुश्किल बैठती है? उत्तर:- शिवबाबा जो निराकार है, उसने ब्रह्मा के तन में प्रवेश किया है, वही सबसे बड़े ते बड़ी आसामी है, उनका ही ऊंचे ते ऊंचा पार्ट है, यह नई बात मनुष्यों की बुद्धि में बहुतमुश्किल बैठती है। गीत:- यह कौन आज आया सवेरे...
प्रश्न: तुम बच्चे इस समय सबसे बड़े ते बड़ा पुण्य कौन सा करते हो?
उत्तर: अपना सब कुछ शिवबाबा के आगे समर्पण कर देना - यह है बहुत बड़ा पुण्य। सरेन्डर कर पूरा श्रीमत पर चलने से बहुत ऊंच पद मिल जाता है। प्रश्न:- कौन सी एक नई बात मनुष्यों की बुद्धि में बहुत मुश्किल बैठती है? उत्तर:- शिवबाबा जो निराकार है, उसने ब्रह्मा के तन में प्रवेश किया है, वही सबसे बड़े ते बड़ी आसामी है, उनका ही ऊंचे ते ऊंचा पार्ट है, यह नई बात मनुष्यों की बुद्धि में बहुतमुश्किल बैठती है। गीत:- यह कौन आज आया सवेरे...
धारणा के लिए मुख्य सार:
1) नई राजधानी बनाने के लिए बाप की सर्विस में मददगार बनना है। कांटों को फूल बनाने की सेवा करनी है।
2) कम से कम 8 घण्टा याद की यात्रा में रहने का अभ्यास करना है। मौत से हिचकना नहीं हैं क्योंकि बुद्धि में है ''अब घर जाना है।''
वरदान: स्व परिवर्तन द्वारा विश्व परिवर्तन के निमित्त बनने वाले सर्व खजानों के मालिक भव आपका स्लोगन है ''बदला न लो बदलकर दिखाओ''। स्व परिवर्तन से विश्व परिवर्तन। कई बच्चे सोचते हैं यह ठीक हो तो मैं ठीक हो जाऊं, यह सिस्टम ठीक हो तो मैं ठीकरहूँ। क्रोध करने वाले को शीतल कर दो तो मैं शीतल हो जाऊं, इस खिटखिट करने वाले को किनारे कर दो तो सेन्टर ठीक हो जाए..यह सोचना ही रांग है। पहले स्व को बदलोतो विश्व बदल जायेगा। इसके लिए सर्व खजानों के मालिक बन समय प्रमाण खजानों को कार्य में लगाओ।
स्लोगन: सर्व शक्तियों की लाइट सदा साथ रहे तो माया
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