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Tuesday, February 7, 2012

Murli 07 Feb 2012


मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - सदा इसी रूहाब में रहो कि बाप हमको वापिस ले जाने के लिए आये हैंअब सबको वापिस चलना है''
 प्रश्नतुम बच्चे इस समय सबसे बड़े ते बड़ा पुण्य कौन सा करते हो?
 उत्तरअपना सब कुछ शिवबाबा के आगे समर्पण कर देना - यह है बहुत बड़ा पुण्य। सरेन्डर कर पूरा श्रीमत पर चलने से बहुत ऊंच पद मिल जाता है। प्रश्न:- कौन सी एक नई बात मनुष्यों की बुद्धि में बहुत मुश्किल बैठती हैउत्तर:- शिवबाबा जो निराकार हैउसने ब्रह्मा के तन में प्रवेश किया हैवही सबसे बड़े ते बड़ी आसामी हैउनका ही ऊंचे ते ऊंचा पार्ट हैयह नई बात मनुष्यों की बुद्धि में बहुतमुश्किल बैठती है। गीत:- यह कौन आज आया सवेरे... 

धारणा के लिए मुख्य सार
1) 
नई राजधानी बनाने के लिए बाप की सर्विस में मददगार बनना है। कांटों को फूल बनाने की सेवा करनी है।
2) 
कम से कम घण्टा याद की यात्रा में रहने का अभ्यास करना है। मौत से हिचकना नहीं हैं क्योंकि बुद्धि में है ''अब घर जाना है।'' 
वरदानस्व परिवर्तन द्वारा विश्व परिवर्तन के निमित्त बनने वाले सर्व खजानों के मालिक भव आपका स्लोगन है ''बदला  लो बदलकर दिखाओ'' स्व परिवर्तन से विश्व परिवर्तन। कई बच्चे सोचते हैं यह ठीक हो तो मैं ठीक हो जाऊंयह सिस्टम ठीक हो तो मैं ठीकरहूँ। क्रोध करने वाले को शीतल कर दो तो मैं शीतल हो जाऊंइस खिटखिट करने वाले को किनारे कर दो तो सेन्टर ठीक हो जाए..यह सोचना ही रांग है। पहले स्व को बदलोतो विश्व बदल जायेगा। इसके लिए सर्व खजानों के मालिक बन समय प्रमाण खजानों को कार्य में लगाओ।
 स्लोगनसर्व शक्तियों की लाइट सदा साथ रहे तो माया
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