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Friday, February 17, 2012

Murli - Hindi & Engish


[17-02-2012] Murli - Hindi

मुरली सार :- ''मीठे बच्चे - आत्मा रूपी दीपक में योग रूपी घृत डालो तो आत्मा शक्तिशाली हो जायेगी।''

प्रश्न: आत्मा रूपी बैटरी में पावर भरने का आधार क्या है?
उत्तर: आत्मा रूपी बैटरी में पावर भरने के लिए बुद्धियोग का बल चाहिए। जब बुद्धियोग बल से सर्वशक्तिमान् बाप को याद करेंगे तब बैटरी भरेगी। जब तक बैटरी में पावर नहीं तब तक ज्ञान की धारणा भी नहीं हो सकती है। आत्मा में कम्पलीट रोशनी आने में टाइम लगता है। याद करते-करते फुल रोशनी आ जाती है।
गीत:- रात के राही थक मत जाना... 
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) अल्फ की याद से रावण माया पर जीत पानी है। सबको अल्फ का परिचय देना है।
2) याद की यात्रा में थकना नहीं है। अपनी बैटरी को चार्ज करने के लिए सर्वशक्तिमान् बाप को याद करना है।

वरदान: दिव्य गुणों रूपी प्रभू प्रसाद खाने और खिलाने वाले संगमयुगी फरिश्ता सो देवता भव
दिव्य गुण सबसे श्रेष्ठ प्रभू प्रसाद है। इस प्रसाद को खूब बांटों, जैसे एक दो में स्नेह की निशानी स्थूल टोली खिलाते हो, ऐसे ये गुणों की टोली खिलाओ। जिस आत्मा को जिस शक्ति की आवश्यकता है उसे अपनी मन्सा अर्थात् शुद्ध वृत्ति, वायब्रेशन द्वारा शक्तियों का दान दो और कर्म द्वारा गुण मूर्त बन, गुण धारण करने में सहयोग दो। तो इसी विधि से संगमयुग का जो लक्ष्य है ''फरिश्ता सो देवता'' यह सहज सर्व में प्रत्यक्ष दिखाई देगा।

स्लोगन: सदा उमंग-उत्साह में रहना-यही ब्राह्मण जीवन का सांस है।



Essence: Sweet children, pour the oil of yoga into the lamp of the soul and the soul will become powerful. 

Question: What is the basis of the battery of the soul being filled with power? 
Answer: In order to fill the battery of the soul with power, you need the power of the intellect’s yoga. When you remember the Almighty Authority Father with the power of the intellect’s yoga, the battery will become charged. Unless there is power in the battery, you cannot imbibe knowledge. It takes time for there to be complete light in the soul. As you continue to remember Baba, you will then have full light. 
Song: O traveller of the night, do not become weary. 


Essence for dharna: 
1. Conquer Maya, Ravan, with remembrance of Alpha. Give everyone the introduction to Alpha. 
2. Don’t become tired on the pilgrimage of remembrance. To charge your battery, remember the Almighty Authority Father. 


Blessing: May you be a confluence-aged angel who is to become a deity by eating and feeding others the “prabhu-prasad” (holy offering) of divine virtues. 
Divine virtues are the most elevated “prabhu prasad”. Distribute this prasad a lot. Just as you feed one another toli out of love, in the same way, feed this toli of virtues. Whichever power souls need, with your mind, that is, with your pure attitude and vibrations, donate those powers to such soul and, through your deeds, be an image of virtues and help them to imbibe virtues. In this way, everyone will easily be able to see the aim of the confluence age – to become an angel and so a deity. 

Slogan: To maintain constant zeal and enthusiasm is the breath of Brahmin life.

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