31-3-12:
मुरली सार :- ''मीठे बच्चे - एकान्त में बैठ पढ़ाई करो तो धारणा बहुत अच्छी होगी, सवेरे-सवेरे उठ कर विचार सागर मंथन करने की आदत डालो''
प्रश्न: फुल पास होना है तो कौन से ख्याल आने चाहिए, कौन से नहीं आने चाहिए?
उत्तर: फुल पास होने के लिए सदा यही ख्याल रहे कि हमें रात-दिन खूब मेहनत करके पढ़ना है। अपनी अवस्था ऐसी ऊंची बनानी है जो बापदादा के दिलतख्त पर बैठ सकें। नींद कोजीतने वाला बनना है। खुशी में रहना है। बाकी यह ख्याल कभी नहीं आना चाहिए कि ड्रामा में वा नसीब में जो होगा वह मिल जायेगा। यह ख्याल अलबेला बना देता है। गीत:- तुम्हें पाके हमने जहाँ पा लिया है.....
प्रश्न: फुल पास होना है तो कौन से ख्याल आने चाहिए, कौन से नहीं आने चाहिए?
उत्तर: फुल पास होने के लिए सदा यही ख्याल रहे कि हमें रात-दिन खूब मेहनत करके पढ़ना है। अपनी अवस्था ऐसी ऊंची बनानी है जो बापदादा के दिलतख्त पर बैठ सकें। नींद कोजीतने वाला बनना है। खुशी में रहना है। बाकी यह ख्याल कभी नहीं आना चाहिए कि ड्रामा में वा नसीब में जो होगा वह मिल जायेगा। यह ख्याल अलबेला बना देता है। गीत:- तुम्हें पाके हमने जहाँ पा लिया है.....
धारणा के लिए मुख्य सार:
1) जो कर्म हम करेंगे, हमको देख और करेंगे, इसलिए हर कर्म पर ध्यान देना है। बहुत-बहुत निर्माणचित, निरहंकारी बनना है। अहंकार को तोड़ देना है।
2) अपना नसीब (तकदीर) ऊंचा बनाने के लिए अच्छी रीति पढ़ाई पढ़नी है। सवेरे-सवेरे उठकर बाप को याद करने का शौक रखना है।
वरदान: वाणी के साथ वृत्ति द्वारा रूहानी वायब्रेशन फैलाने की सेवा करने वाले डबल सेवाधारी भव जैसे वाणी द्वारा सेवा करते हो ऐसे वाणी के साथ वृत्ति द्वारा सेवा करो तो फास्ट सेवा होगी क्योंकि बोल तो समय पर भूल जाते हैं लेकिन वायब्रेशन के रूप में मन और बुद्धि पर छापलग जाती है। तो यह सेवा करने के लिए वृत्ति में किसी के लिए भी व्यर्थ वायब्रेशन्स न हों। व्यर्थ वायब्रेशन रूहानी वायब्रेशन के आगे एक दीवार बन जाती है, इसलिए मन-बुद्धि कोव्यर्थ वायब्रेशन से मुक्त रखो - तब डबल सेवा कर सकेंगे।
स्लोगन: फरियाद करने के बजाए
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