GIVE COMFORT, RECEIVE HAPPINESS

Jivan Main har ek se santust raho to sabhi aapase santusht rahenge

AM A PEACE FULL SOUL

Main Aatama shant hun. shanti muz aatama ke pas hi hai , kanhi aur janeki jarurat nahi. SO FEEL PEACE IN OUR SELF

PEACE OF MIND WILL END ALL WARS

Shanti se hi Sabhi Youddh ko samapt kiya ja sakta hai.

PURITY IS YOUR POWER

"Pavitrata hi jivan ki sachi punji hai"

YOGI LIFE, DIAMOND LIFE

Yogi ko hamesha apani aatmik sthitime rahana mana "DIAMOND" jivan hai

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Friday, June 22, 2012

Murli 22 Jun Hindi & English

मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - यह तुम सबकी वानप्रस्थ अवस्था है, वापस घर जाना है इसलिए बाप और घर को याद करो, पावन बनो, सब खाते खलास करो'' 
प्रश्न: बाप ही बच्चों को कौन सा धीरज देते हैं? 
उत्तर: बच्चे, अभी इस रुद्र ज्ञान यज्ञ में अनेक प्रकार के विघ्न पड़ते हैं, परन्तु धीरज धरो, जब तुम्हारा प्रभाव निकलेगा, ढेर के ढेर आने लगेंगे फिर सब तुम्हारे आगे आकर माथा झुकायेंगे। बांधेलियों के बन्धन खलास हो जायेंगे। जितना तुम बाप को याद करेंगे, बंधन टूटते जायेंगे। तुम विकर्माजीत बनते जायेंगे। 
गीत:- भोलेनाथ से निराला... 
धारणा के लिए मुख्य सार: 
1) होशियार व्यापारी बन पुराने सब खाते खलास कर सुख का खाता शुरू करना है। याद में रह विकर्मो के बन्धन काटने हैं। धीरज धरना है, उतावला नहीं होना है। 
2) घर में बैठ भोजन बनाते, हर कर्म करते बाप की याद में रहना है। बाप जो अविनाशी ज्ञान रत्न देते हैं। उनसे अपनी झोली भर दूसरों को दान करना है। 
वरदान: अमृतवेले तीन बिन्दियों का तिलक लगाने वाले क्यूं, क्या की हलचल से मुक्त अचल-अडोल भव 
बापदादा सदा कहते हैं कि रोज़ अमृतवेले तीन बिन्दियों का तिलक लगाओ। आप भी बिन्दी, बाप भी बिन्दी और जो हो गया, जो हो रहा है नथिंगन्यु, तो फुलस्टॉप भी बिन्दी। यह तीन बिन्दी का तिलक लगाना अर्थात् स्मृति में रहना। फिर सारा दिन अचल-अडोल रहेंगे। क्यूं, क्या की हलचल समाप्त हो जायेगी। जिस समय कोई बात होती है उसी समय फुलस्टॉप लगाओ। नथिंगन्यु, होना था, हो रहा है... साक्षी बन देखो और आगे बढ़ते चलो। 
स्लोगन: परिवर्तन शक्ति द्वारा व्यर्थ संकल्पों के बहाव का फोर्स समाप्त कर दो तो समर्थ बन जायेंगे।

Essence: Sweet children, it is now the stage of retirement for all of you. You now have to return home. Therefore, remember the Father and the home. Become pure and finish all your accounts. 
Question: What is the patience that the Father gives you children? 
Answer: Children, there will be many varieties of obstacle in this sacrificial fire of the knowledge of Rudra. However, you have to have patience. When your influence spreads, countless people will come and they will all bow their heads in front of you. Then the bonds of those in bondage will finish. The more you remember the Father, the more your bonds will continue to break, and you will become conquerors of sinful actions. 
Song: No one is unique like the Innocent Lord. 

Essence for dharna: 
1. Become a clever businessman, finish all the old accounts and begin the new account of happiness. Stay in remembrance and cut away the bonds of sin. Be patient and do not rush. 
2. While preparing food at home, and performing every action, stay in remembrance of the Father. Fill your aprons with the imperishable jewels of knowledge that the Father gives you and donate them to others. 

Blessing: May you remain unshakeable and immovable and free from any upheaval of “Why?” or “What?” by applying the tilak of the three dots at amrit vela. 
BapDada always says: Apply the tilak of the three dots at amrit vela every day. You are a dot, the Father is a dot and whatever happened or whatever is to happen is nothing new, and so put a full stop. To apply the tilak of the three dots means to maintain your awareness. You will then remain unshakeable and immovable throughout the day and the upheaval of “Why?” and “What?” will finish. Whenever any situation arises, put a full stop at that moment. It is nothing new, it had to happen and so it is happening and so just continue to watch as a detached observer and continue to move forward. 
Slogan: Finish the force of the flow of waste thoughts with the power of transformation and you will become powerful. 

Monday, June 18, 2012

Khushnuma Chehara Chalan Speaker - Br. Karuna (Hi)



Khushnuma Chehara Chalan

Speaker - Br. Karuna (Hi)

Date: 15-06-2012 | Size: 5.5 MB | Views: 5
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Ekagrata

Speaker - Sr. Sushma (Hi)

Date: 15-06-2012 | Size: 5.77 MB | Views: 9
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Commentary

Speaker - Sr. Geeta (Hi)

Date: 12-06-2012 | Size: 4.47 MB | Views: 4
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Murli 18 Jun Hindi & English

मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - सदा इसी नशे में रहो कि ज्ञान सागर बाप की ज्ञान वर्षा हमारे ऊपर हो रही है, जिससे हम पावन बन अपने बड़े घर में जायेंगे'' 
प्रश्न: तुम बच्चों का निश्चय किस आधार से और भी पक्का होता जायेगा? 
उत्तर: दुनिया में जितने हंगामें बढ़ेंगे, तुम्हारे दैवी झाड़ की वृद्धि होगी, उतना पुरानी दुनिया से दिल हटती जायेगी और तुम्हारा निश्चय पक्का होता जायेगा। विहंग मार्ग की सर्विस होती जायेगी, धारणा पर अटेन्शन देते जायेंगे तो बुद्धि का हौंसला बढ़ता जायेगा। अपार खुशी में रहेंगे। 

Monday, June 11, 2012

Murli 11 Jun Hindi & English

मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - यह खेल है कब्रिस्तान और परिस्तान का, इस समय कब्रिस्तान है फिर परिस्तान बनेगा - तुम्हें इस कब्रिस्तान से दिल नहीं लगानी है'' 
प्रश्न: मनुष्य कौन सी एक बात को जान लें तो सब संशय दूर हो जायेंगे? 
उत्तर: बाप कौन है, वह कैसे आते हैं - यह बात जान लें तो सब संशय दूर हो जायेंगे। जब तक बाप को नहीं जाना तब तक संशय मिट नहीं सकते। निश्चयबुद्धि बनने से विजय माला में आ जायेंगे लेकिन एक-एक बात में सेकण्ड में पूरा निश्चय होना चाहिए। 
गीत:- छोड़ भी दे आकाश सिंहासन... 

Sunday, June 10, 2012

Murli 10 Jun

10-06-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज: 09-01-75 मधुबन
इन्तजार की बजाय इन्तजाम करो!
10-06-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज: 16-01-75 मधुबन
ज्वाला रूप अवस्था
वरदान: सदा हर कर्म में रूहानी नशे का अनुभव करने और कराने वाले खुशनसीब भव
संगमयुग पर आप बच्चे सबसे अधिक खुशनसीब हो, क्योंकि स्वयं भगवान ने आपको पसन्द कर लिया। बेहद के मालिक बन गये। भगवान की डिक्शनरी में ''हू इज हू'' में आपका नाम है। बेहद का बाप मिला, बेहद का राज्य भाग्य मिला, बेहद का खजाना मिला... यही नशा सदा रहे तो अतीन्द्रिय सुख का अनुभव होता रहेगा। यह है बेहद का रूहानी नशा, इसका अनुभव करते और कराते रहो तब कहेंगे खुशनसीब।
स्लोगन: साधनों को सेवा के प्रति यूज़ करो-आरामपसन्द बनने के लिए नहीं।