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Tuesday, November 29, 2011

Murli 29.09.11

मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - मैं तुम बच्चों के लिए हथेली पर बहिश्त लाया हूँ, तुम मुझे याद करो तो स्वर्ग की बादशाही मिल जायेगी'' 
प्रश्न: बेहद की खुशी किन बच्चों को निरन्तर रह सकती है? 
उत्तर: जिन्होंने बेहद का सन्यास किया है और संग तोड़ एक संग जोड़ा है, वही निरन्तर खुशी में रह सकते हैं। 2- जो फालो फादर करते हैं, जिन्हें सर्विस का शौक है उनकी खुशी कभी गायब हो नहीं सकती।
गीत:- छोड़ भी दे आकाश सिंहासन.... 

धारणा के लिए मुख्य सार: 
1) जो अच्छी रीति श्रीमत पर चलते हैं, उन्हें फालो करना है। बेहद की खुशी में रहने के लिए आप समान बनाने की सेवा करनी है। 
2) प्रीत बुद्धि बन और संग तोड़ एक बाप से जोड़ना है। डबल अहिंसक बन साइलेन्स में बैठ अपनी राजाई स्थापन करनी है। 
वरदान: युद्ध में डरने वा पीछे हटने के बजाए बाप के साथ द्वारा सदा विजयी भव 
सेना में युद्ध करने वाले जो योद्धे होते हैं उन्हों का स्लोगन होता कि हारना वा पीछे लौटना कमजोरों का काम है, योद्धे अर्थात् मरना और मारना। आप भी रूहानी योद्धे डरने वा पीछे हटने वाले नहीं, सदा आगे बढ़ते विजयी बनने वाले हो। ऐसे कभी नहीं सोचना कि कहाँ तक युद्ध करें, यह तो सारे जिंदगी की बात है लेकिन 5000 वर्ष की प्रारब्ध के हिसाब से यह सेकेण्ड की बात है, सिर्फ विशाल बुद्धि बनकर बेहद के हिसाब से देखो और बाप की याद वा साथ की अनुभूति द्वारा विजयी बनो। 
स्लोगन: सदा आशा और विश्वास के आधार पर विजयी बनो। 




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